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    कैल्शियम की कमी calcium deficiency in hindi

    हम छोटी क्लास से ही पढ़ते हुए आए हैं कि हड्डियों से बना ढांचा हमारे शरीर को संरचना और सहारा देता है। इसका मतलब है कि हमारे शरीर की संरचना का आधार हड्डियाँ होती है।

    हम सभी जानते हैं कि हड्डियों की मज़बूती के लिए अनेक तत्वों की आवश्यकता होती है जिनमें से कैल्शियम सबसे पहले नंबर पर आता है।

    कैल्शियम सिर्फ़ हड्डियों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर के तमाम अंगों के लिए ज़रूरी होता है। कैल्शियम की कमी से हमारे शरीर में अनेक रोग हो जाते हैं।

    इस लेख में हम कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग उनके लक्षण और निवारण के विषय में चर्चा करेंगे।

    विषय-सूचि

    कैल्शियम की कमी के लक्षण (calcium deficiency symptoms in hindi)

    कैल्शियम की कमी के लक्षण जल्दी से दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन समय के साथ, ये कई बिमारियों में तब्दील हो जाते हैं।

    • मांसपेशियों में खिंचाव या तनाव

    कैल्शियम की कमी होने से मांसपेशियों में खिंचाव, तनाव और दर्द की समस्या हो जाती है। मांसपेशियां इतनी कमज़ोर हो जाती हैं कि कभी कभी हम एक साधारण सा कार्य करने में भी असमर्थ हो जाते हैं।

    • हड्डियों में दर्द

    हड्डियों और जोड़ों का दर्द सिर्फ बढ़ती उम्र की वजह से नहीं होता है। इसका एक कारण कैल्शियम की कमी भी हो सकती है।

    इस स्थिति में जब भी हम काफी समय के लिए एक जगह बैठते हैं, और फिर उठते हैं, हमारे जोड़ों में दर्द होने लगता है।

    इसके निवारण के लिए हमें कैल्शियम का सेवन करना चाहिए।

    कैल्शियम की कमी के स्त्रोत (food for calcium deficiency in hindi)

    • संतरा

    संतरे में कैल्शियम की लगभग 50 मिलीग्राम मात्रा पाई जाती है। ऐसे में कैल्शियम की प्राप्ति का एक उत्तम ज़रिया संतरा हो सकता है। आप संतरे का जूस भी पी सकते हैं

    • बीज

    हम कैल्शियम को अनेक प्रकार की बीजों से प्राप्त कर सकते हैं। इनमें से प्रमुख शीशम के बीज, अलसी के बीज, तरबूज़ के बीज आदि हैं। शीशम के बीज में 975 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है।

    • पालक

    पालक में 250 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है। अपने आहार में नियमित रूप से पालक खाने से शरीर में कैल्शियम का स्तर संतुलित हो सकता है। हम यदि पालक की सब्ज़ी नहीं खाना चाहते हैं तो हम पालक का सलाद खा सकते हैं।

    • शलजम

    यदि आप शाकाहारी हैं तो आपके शरीर में कैल्शियम की कमी का ख़तरा ज़्यादा बना रहता है। ऐसे में आपको उन सब्ज़ियों का सेवन करना चाहिए जो कि कैल्शियम से भरपूर हों।

    सौ ग्राम शलजम में लगभग 190 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। तो यदि आप शाकाहारी हैं तो आप कैल्शियम की कमी को शलजम के द्वारा पूरा कर सकते हैं।

    • दही

    दही में 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। लो फ़ैट योगर्ट में कैल्शियम की हाई मात्रा होती है।

    • बादाम

    बादाम में 264 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। शोध में इस बात का दावा किया है कि बादाम ड्राई फ्रूट्स में सबसे अधिक कैल्शियम रखने वाला ड्राई फ़्रूट है।

    • दूध

    दूध में 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इस तरह दूध से भी कैल्शियम प्राप्त किया जा सकता है।

    • चीज

    चीज़ में 721 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इस तरह चीज़ का सेवन करके हमें कैल्शियम प्राप्त हो सकता है।

    • पिंक सालमन या मछली

    पिंक सालमन एक प्रकार की मछली होती है। इस मछली में कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। यदि आप मांसाहारी हैं तो आप पिंक सालमन को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल कर सकते हैं। पिंक सालमन आपको 282 मिलीग्राम कैल्शियम दे सकता है।

    • मसूर की दाल

    मसूर की दाल में 19 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। आप मसूर की दाल को तड़के के साथ खा सकते हैं ताकि इसके फ़ायदे के साथ साथ इसका स्वाद भी लिया जा सके।

    • फलियों के द्वारा

    फलियों में 66 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। आप फलियों का सेवन कैल्शियम के लिए एक उत्तम आहार के रूप में कर सकते हैं।

    इसके अतिरिक्त आप अंडे, मांस, दालों व अनेक सब्ज़ियां को खा सकते हैं। उनमें भी कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।

    आइए अब बात करते हैं कि कैल्शियम की कमी से कौन कौन से रोग हो जाते हैं। इसके साथ ही उनके लक्षण और निवारण की भी चर्चा करेंगे।

    कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग (calcium deficiency diseases in hindi)

    1. गर्भवती महिलाओं में कैल्शियम की कमी

    लड़कियों और महिलाओं को कैल्शियम की पुरुषों से ज़्यादा आवश्यकता होती है। महिलाओं में कैल्शियम का क्षरण भी पुरुषों से ज़्यादा होता है।

    लड़कियों में मासिक धर्म के दौरान खून के साथ साथ कैल्शियम की एक बड़ी मात्रा शरीर से बाहर निकल जाती है। इसी तरह महिलाओं में प्रसव के दौरान काफ़ी मात्रा में कैल्शियम शरीर से बाहर निकल जाता है। इस तरह महिलाओं में कैल्शियम का काफ़ी क्षरण हो जाता है।

    गर्भवती महिलाओं में भ्रूण के विकास के लिए कैल्शियम की अत्यधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। ऐसे में यदि उनके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो भ्रूण का विकास बाधित होता है।

    कैल्शियम की कमी से गर्भवती महिलाओं और भ्रूण दोनों में खून की कमी हो जाती है। भ्रूण की हड्डियाँ ठीक प्रकार से विकसित नहीं हो पाती है।

    भ्रूण के मस्तिष्क व तंत्रिका तंत्र के विकास में भी कैल्शियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में हम देख सकते हैं कि गर्भवती महिला के लिए कैल्शियम अत्यधिक ज़रूरी होता है।

    प्रसव के दौरान महिला के शरीर से कैल्शियम काफ़ी बड़ी मात्रा में बाहर निकल जाता है। प्रसव के बाद महिला को स्तनपान कराने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

    कैल्शियम की कमी से दुग्ध ग्रंथियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि महिला के शरीर में ठीक प्रकार से दुग्ध उत्पादन नहीं होता है तो नवजात शिशु को विकास करने हेतु सही मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता है।

    नवजात शिशु में खून की कमी, पेट दर्द सहित प्रतिरक्षा से संबंधित अनेक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इस तरह महिलाओं के लिए कैल्शियम अत्यंत आवश्यक होता है क्योंकि उनमें कैल्शियम की कमी होना अर्थात एक और ज़िंदगी की मुश्किलें बढ़ाना होता है।

    लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव के साथ कैल्शियम की एक बड़ी मात्रा शरीर से बाहर निकल जाती है।लड़कियों में कैल्शियम की कमी होने से उनकी फर्टिलिटी पावर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

    कैल्शियम की कमी से लड़कियाँ देर से बालिग होती हैं। सीधे शब्दों में कहें तो कैल्शियम की कमी से लड़कियों में मासिक धर्म से जुड़े अनेक रोग हो सकते हैं। ऐसे में उनकी जनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।

    2. कैंसर का ख़तरा

    कुछ शोधों में इस बात का दावा किया गया है कि कैल्शियम की कमी होने से शरीर में कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी से कोलोन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

    होता ये है कि कैल्शियम की कमी के कारण कोशिकाएँ सही प्रकार से विकसित नहीं हो पाती हैं। उनके चेक प्वाइंट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे कि वे अनियंत्रित होकर ग़लत ढंग से विभाजित होना शुरू हो जाती हैं। इस तरह शरीर में कैंसर बन जाता है।

    3. नींद की कमी या इनसोम्निया

    नींद की कमी होना अपने आप में एक बहुत ही गंभीर समस्या है। हालाँकि ऐसा देखा गया है कि लोग इस समस्या पर ध्यान नहीं देते क्योंकि उन्हें लगता है कि यह एक रुटीन वर्क है।

    काम की अधिकता और तनाव के चलते लोगों में नींद की कमी हो जाती है। इसके अतिरिक्त नींद की कमी का जो सबसे बड़ा कारण है वो यह है कि लोग पोषक तत्वों से भरपूर भोजन को अनदेखा करते हैं।

    आज कल तो जंक फ़ूड का बोलबाला है जो ना सिर्फ़ शरीर में पोषण की कमी करते हैं बल्कि अनेक रोगों को भी जन्म देते हैं लेकिन हम इस ओर कोई ध्यान नहीं देते।

    ये जंक फ़ूड शरीर में कैल्शियम की कमी कर देते हैं। ऐसे में हमें नींद न आने की समस्या हो सकती है। यदि ज़्यादा दिनों तक यही चलता रहे तो यह दिमाग़ की नसों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को जन्म दे सकता है और हम सभी जानते हैं कि ब्लड क्लॉटिंग कितनी घातक समस्या है।

    4. ऑस्टियोपोरोसिस

    जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कैल्शियम की कमी से हड्डियों पर सीधा सीधा प्रभाव पड़ता है। हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं जिससे कि मामूली सी चोट पर हड्डियों के टूटने का ख़तरा बना रहता है।

    इतना ही नहीं कैल्शियम की कमी होने से हड्डियों के अंदर मौजूद मेट्रिक्स की भी कमी होने लगती है। ऐसे में हड्डियां अंदर से खोखली हो जाती हैं जिससे कि वे हल्के से दबाव पर फ़ौरन टूट जाती हैं।

    5. हृदय रोगों का ख़तरा

    कैल्शियम की कमी से रक्तचाप पर प्रभाव पड़ता है। रक्तचाप पर प्रभाव पड़ना मतलब हृदय रोगों को जन्म देना है।

    जब नियमित रूप से रक्त की संतुलित मात्रा हृदय तक नहीं पहुँच पाती है तो धमनियां अवरुद्ध होकर बंद हो सकती हैं। ऐसे में हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है।

    6. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

    कैल्शियम की कमी होने से ब्लड प्रेशर हाई होने की समस्या हो जाती है। नसों में रक्त का प्रवाह सामान्य से बहुत अधिक तेज़ हो जाता है।

    ऐसे में कभी कभी दिमाग़ की नसों के फटने का डर बना रहता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर को एक ख़तरनाक समस्या कहा जाता है।

    7. दांतों की समस्या

    कैल्शियम की कमी से दाँत वक़्त से पहले गिरने लगते हैं। यदि दांत पूरे पूरे नहीं गिरते हैं तो दांतों की परतों का धीरे धीरे क्षरण होने लगता है।

    इतना ही नहीं दॉंत तेज़ी से पीले पड़ने लगते हैं और वे अंदर ही अंदर सड़ने शुरू हो जाते हैं।

    इस तरह हम देख सकते हैं कि कैल्शियम की कमी से अनेक ख़तरनाक रोग हो सकते हैं। ऊपर हमने अनेक गंभीर समस्याओं को डिसकस किया है जोकि कैल्शियम की कमी का नतीजा हैं।

    हमारा आपको डराने का बिलकुल भी इरादा नहीं है बल्कि हम आपको जागरूक करना चाहते हैं। आइए अब बात करते हैं कि कैल्शियम की कमी को किस तरह दूर किया जा सकता है।

    कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय (calcium deficiency treatment in hindi)

    सबसे पहले कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए हम यही उपाय कर सकते हैं कि हम अपने आहार में पौष्टिक चीज़ें शामिल करें।

    अपने शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने और कैल्शियम के स्तर को संतुलित करने का सबसे उत्तम उपाय यही है कि आहार में पौष्टिक चीज़ें ली जाएँ।

    हमें अपने आहार में ऐसी चीज़ें शामिल करनी चाहिए जिनमें कि कैल्शियम की प्रचुर मात्रा हो।

    सबसे ख़ास बात जो हमें ध्यान रखनी है वो ये कि हमें तनाव से पूरी तरह बचना चाहिए। इसके साथ साथ ही हमें जंक फ़ूड को अनदेखा करना चाहिए।

    हमें भरपूर मात्रा में नींद लेनी चाहिए। यदि हम भरपूर मात्रा में नींद नहीं लेते हैं तो शरीर में पहले से मौजूद कैल्शियम शरीर को ऊर्जा देने व शरीर की अनेक प्रकार की क्रियाओं को संतुलित रखने में ख़र्च होने लगता है।

    यदि आपके शरीर में कैल्शियम का स्तर हद से ज़्यादा गिर गया है और वह किसी भी प्रकार से संतुलित नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में डॉक्टर आपकी मदद कर सकता है।

    आपका डॉक्टर आपको कैल्शियम से भरपूर इंजेक्शन दे सकता है जिससे कि शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी हो जाएगी।

    लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान ख़ास ख्याल रखना चाहिए कि वे अपने शरीर में कैल्शियम का स्तर संतुलित रखें।

    ठीक यही बात गर्भवती महिलाओं के लिए भी हैं। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने आहार में कैल्शियम युक्त पदार्थों को शामिल करें।

    इस प्रकार हम देख सकते हैं कि कैल्शियम की कमी से हमारे शरीर में अनेक प्रकार के रोग हो जाते हैं। हम आशा करते हैं कि इस लेख के द्वारा आपको कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग उनके लक्षण और निवारण के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो गयी होगी।

    13 thoughts on “कैल्शियम की कमी : लक्षण, रोग, उपाय”
    1. Meri age 25 pichle do mahine see mere ghutno me dard ho raha h Kya ye calcium ki kami se ho raha h?
      Kya Mujhe doctor ke paas jaana chahiye ??

    2. Meri age 21year h or main pichle 10-12 years se in sabhi problems se gujar rahi hun….or kuch time se …dil ki dadkan badhne ki samsya jyada ho rhi h…na puri rat nind le pati h…jis wajah se mera mind had se jyada nagative hota ja rha hai….. morning me utha nhi jata …itna joint pain……kya kru main..

      1. sabse badiya ilaaj subh early morning 5.30pm kam sy kam 2 km walk & evening khana kam khana chiye or khana khane ke baad kam sy km 1 km walk kro to is smasya ka ilaj ho jayga or kabhi bhi akle mat rho or rho bhi to kuch bhi karo books padana news paper padna bhut acha illaj he ye last year yahi problam mere kisi relative ke hui hi thi ab wo thik h

    3. Meri age 18 hai muze pichale 10-12 dino se ghutano main dard, sir dard, se pareshan hu doctor ne bataya ki calcium kam hai lekin jab se dawai li hai tabse jaada dard ho raha hai…

    4. mere jangho me dard jise 1se 2 saal ho gaye hai x ray karane par bhi kuch pata nahi chala,dard itna jyada hai ki mai chal nahi pata plz iska koi ilaj bataiye

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