Sat. Apr 20th, 2024
    सेनाप्रमुख बिपिन रावत

    भारत के सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पत्थरबाज आतंकियों की तरह व्यवहार करते हैं और इनके साथ कड़ाई से डील करनी चाहिए। 26 अक्टूबर को पत्थरबाज़ी से एक जवान की मौत हो गयी थी।

    भारतीय सेनाध्यक्ष ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि अगर इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज़ न आया तो भारतीय सेना कठोर कदम उठाएगी।

    पैदल सेना दिवस के सम्मेलन के इतर विपिन रावत में पाकिस्तान के खिलाफ उठाने वाले कड़े कदमों के बाबत कोई जानकारी नही दी है। आर्मी प्रमुख ने कहा कि भारत ने 28 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाया था। पाकिस्तान के स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेेना ने हमला किया था।

    आर्मी चीफ ने पाकिस्तान को जम्मू कश्मीर में आतंकी समूहों को आर्थिक मदद और बढ़ावा न देने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर की सीमा भारत का अभिन्न हिस्सा है और कोई भी बलपूर्वक और किसी अन्य पैंतरे से इसे भारत से अलग नही कर सकता है।

    कश्मीर में जवान राजेन्द्र सिंह की पत्थरबाज़ी से हत्या करने पर आर्मी चीफ ने कहा कि कश्मीर के पत्थरबाज आतंकियों के तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्थरबाज ऐसा हरकते करेंगे तो क्या वो आतंकियों की तरह नही बनते जा रहे हैं।

    जवान की मौत युवाओं के पत्थरबाज़ी समूह के कारण शुक्रवार को अस्पताल में हो गयी थी। सेनाध्यक्ष ने कहा कि मैं पत्थरबाजों से कहना चाहता हूं कि इससे किसी का फायदा नहीं होगा और इन पत्थरबाजों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आर्मी ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवा दी है।

    जनरल विपिन रावत ने कहा कि पाकिस्तान बंगलादेश की आज़ादी के दौरान साल 1971 की जंग के जख्मों को भरने के लिए सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा पाकिस्तान का मकसद भारतीय सेना को साल 1971 में हारी प्रॉक्सी वॉर में बरकरार रखना है जिसमें भारत ने उन्हें धूल चटाई थी।

    सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारत इतना मजबूत है कि जम्मू कश्मीर को अपना अंग बनाये रख सकता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *