Thu. Mar 28th, 2024
    AIKSCC protest rally

    दिल्ली की तरफ मार्च करते किसानों में कर्ज के बोझ तले दबे वो किसना है जो इस उम्मीद में है कि सरकार उनका ऋण माफ़ कर उनके जीवन को थोडा आसान बना दे, इन समूहों में वो बेटी भी है जिसके पिता ने कर्ज के बोझ तले दब कर आत्महत्या कर ली, विधवाएं हैं जिनके पति कृषि संकट की भेंट चढ़ गए, वो आदिवासी है जिनकी जमीने औद्योगिकीकरण के नाम पर उनसे ले ली गई।

    कृषि संकट से परेशान ये किसान दिल्ली की सड़कों पर फसलों के दाम बढ़ाना, कर्ज माफ़ी, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना, और अन्य मांगों के साथ संसद की तरफ बढ़ रहे हैं।

    किसान मार्च

    किसान निजामुद्दीन, सब्जी मंडी स्टेशन, आनंद विहार टर्मिनल और बिजवासन से मार्च में आये जबकि स्वराज इण्डिया के योगेंद्र यादव ने बिजवसन से रामलीला मैदान में ‘चलो दिल्ली’ रैली का नेतृत्व किया, आगे जाकर इसमें हरियाणा, राजस्थान और उड़ीसा से आये किसान भी सम्मिलित हो गए।

    किसानो को ले कर कर दो स्पेशल ट्रेन महाराष्ट्र के मिराज और बेंगुलुरु से आज दिल्ली पहुँचने की संभावना है।

    किसान मार्च

    सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर और पत्रकार पी. साईनाथ ने रैली को अपना समर्थन दिया और कहा कि आज किसानो की जो हालत है वो पहले कभी नहीं हुई। बड़ी संख्या में महिला किसान और दिल्ली विश्विद्यालय के छात्र भी किसानो को राहत देने हेतु केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए किसानों की रैली में हिस्सा ले रहे हैं।

    शुक्रवार को ‘अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति’ के नेतृत्व में किसान रामलीला मैदान से संसद मार्ग की तरफ भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ मार्च करेंगे।

    किसान मार्च

    कई मशहूर लेखक, बुद्दिजीवी और कलाकारों  नयनतारा सहगल, के. सत्चिदानंदन, गणेश देवी और दामोदर मौजो ने किसानो के प्रति सहानुभूति जताई और उनकी मांगो को अपना समर्थन दिया।

    रामलीला मैदान में लाल टोपी पहने और लाल झंडे लहराए किसानों का सागर सा उमड़ पड़ा, उनमे से कुछ किसान 36 घंटों का सफ़र तय करके आये थे। भरे हुए मैदान में वो नारे लगा रहे थे ‘अयोध्या नहीं क़र्ज़ माफ़ी चाहिए’ .

    कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ट्विटर पर आम आदमियों से किसानों को समर्थन देने के लिए उनकी रैली में शामिल होने की अपील की।

    किसान मार्च

    गाज़ियाबाद के एसएसपी उपेन्द्र अग्रवाल ने कहा है कि दिल्ली बॉर्डर पर फ़ोर्स तैनात कर दी गई है।  किसी भी ट्रैक्टर, ट्रौली को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *