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    कम्प्यूटर माउस computer mouse in hindi

    विषय-सूचि

    कम्प्यूटर माउस क्या है? (what is computer mouse in hindi)

    माउस को हम कई बार पोइंटर भी बोलते हैं। इसे हम हाथ से इस्तेमाल करते हैं जो की कम्प्युटर में दिशा-निर्देश देने के काम में आता है।

    चाहे माउस लेजर या बाल इस्तेमाल करता हो चाहे वो तार वाला हो या बिना तार वाला हर तरह का माउस हम सीपीयू से जोड़कर इस्तेमाल कर सकते हैं। जब भी हम माउस को हिलाते हैं यह कम्प्युटर को निर्देश देता है और फिर कम्प्युटर उसके निर्देश का पालन करता है।

    यह यंत्र कम्प्युटर के बाहर रहता है फिर भी कम्प्युटर के लिए काफी उपयोगी है। बिना माउस के हम कम्प्युटर का इस्तेमाल ही नहीं कर सकते अगर हम करेंगे तो भी हमे काफी कठनाई का सामना करना पड़ेगा।

    हर ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) में माउस के ड्राईवरस पहले से ही डले हुए होते हैं।

    कंप्यूटर माउस का आविष्कार (computer mouse history in hindi)

    कम्प्युटर माउस का आविष्कार डगलस एंगेल्बर्ट ने 1963 में किया था। हालाँकि यह माउस बहुत बड़ा था और अच्छे से कार्य भी नहीं करता था।

    बाद में आईबीएम नाम की कंपनी नें माउस का अविष्कार किया था।

    मॉडर्न माउस का अविष्कार स्टीव जॉब्स ने किया था।

    माउस का भौतिक वर्णन (components of computer mouse in hindi)

    कम्प्युटर के माउस अलग-अलग प्रकार के आकार में आते हैं। कुछ छोटे तो कुछ बड़े पर सबका आकार ऐसा होता है की वो हाथ में फिट हो सकें और समतल जगह पर चल सकें।

    सामान्य माउस में दो बटन आगे की तरफ होते हैं जिनसे हम सीधा और बायां क्लिक करते हैं और मध्य में एक आयतकार चक्र होता है। कम्प्युटर माउस एक से लेकर काफी बटन तक के हो सकते हैं। कुछ गेमइंग माउस होते हैं जिनमे काफी बटन होते हैं क्योंकि हर बटन का अलग अलग काम होता है। आम तौर पर जो माउस बनाये जाते हैं उनका उपयोग सीधे हाथ द्वारा इस्तेमाल किए जाते है। ज़्यादातर माउस बने ही इस तरह होते हैं की वो सीधा हाथ से उपयोग में आ सकें। हर बटन अलग अलग दिशा निर्देश देता है।

    पहले के जमाने के जो माउस थे उनमे नीचे की तरफ एक बॉल होती थी कर्सर को चलाने के लिए आजकल के माऊसों में लेजर का इस्तेमाल ज्यादा होता है। कई माउसों में तो नीचे की जगह ऊपर की तरफ एक बॉल होती है जिसको हिला हिलाकर हम कर्सर चला सकते हैं। इस तरह के माउस भी चलाने मे बहुत आसान होते हैं क्यूंकी हम इस तरह के माउस में ऊपर से ही बॉल को हिलाकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं माउस को बिना हिलाए।

    हम किसी भी तरह का माउस इस्तेमाल कर सकते हैं हर तरह का माउस कम्प्युटर में आसानी से जोड़ा जा सकता है। बिना तार के माऊसों को जोड़ने के लिए हम ब्लुटूथ का इस्तेमाल करते हैं। हमे इसके सॉफ्टवेयर को इन्स्टाल भी करना पड़ता है जिससे हम बिना तार वाले माऊसों को आसानी से इस्तेमाल कर सकें।

    जो तार वाले माउस होते हैं उनको हम यूएसबी की मदद से जोड़ते हैं। जो पुराने माऊस होते थे उनको हम पीएस/2 पोर्ट से जोड़ते थे और हम इसे डाइरैक्ट मदरबोर्ड से भी जोड़ते थे। नयी तकनीकी वाले माउस काफी अच्छे से तभी काम कर पातें हैं जब इसके ड्राईवरस उसमे पहले से अच्छे से डलें पड़े हों अगर पहले से नहीं डले हुए हों तो हम ड्राईवरस को डालकर उसे सही से इस्तेमाल कर सकते हैं।

    लॉजीटेक और माइक्रोसॉफ़्ट दुनिया की नामी कंपनीयाँ हैं जो माउस बनाने का काम करती हैं।

    माउस के कार्य (function of computer mouse in hindi)

    1. माउस का प्राथमिक कार्य कर्सर को चलते हुए स्क्रीन पे देखने का है।
    2. जब भी हम कर्सर को किसी फोंल्डर, आइकॉन, सॉफ्टवेयर आदि पर क्लिक करते हैं तो इस तरह से हम उस प्रोग्राम को चला सकते हैं।
    3. माउस हमे किसी भी लेख को दर्शाने और चुनने में मदद करता है।
    4. माउस हमे किसी भी फोंल्डर या फ़ाइल को ड्रेग और ड्रॉप करने मे काम आता है।
    5. काफी समय से जब हम कोई बड़ी साइट पर पढ़ रहे होते है तब हमे ऊपर नीचे स्क्रोल करने के लिए माऊस का उपयोग होता है।
    6. कई माउसों मैं काफी बटन होते हैं जो की अलग अलग कार्यो को करने मे काम आते हैं।
    7. गेम खेलने के लिए भी काफी नयी तकनीकी वाले माऊस बाज़ार में है।

    कम्प्युटर माउस के प्रकार (types of computer mouse in hindi)

    आजकल के कम्प्युटर जो घरों मे इस्तेमाल होते हैं उसमे ऑप्टिकल माउस ज़्यादातर इस्तेमाल किया जाता है जिसे हम यूएसबी द्वारा जोड़ते हैं।

    माउस काफी तरह के होते हैं –

    • बिना तार के (कॉर्ड्लेस)
    • फूट माऊस
    • इंटेलली माऊस (व्हील माऊस)
    • जे माऊस
    • जॉयस्टिक
    • मैकेनिकल
    • ऑप्टिकल
    • टचपैड
    • ट्रैकबॉल
    • ट्रैकपॉइंट

    कम्प्युटर माउस के पार्ट्स (parts of computer mouse in hindi)

    हर कम्प्युटर माउस के पार्ट्स अलग अलग होते हैं। आई देखें की इसको सामान्य भाषा में कैसे समझा जा सकता है।

    बटन – आज के समय में सामान्य रूप से हर माउस मे कम से कम दो बटन होते हैं एक बटन दायीं ओर और एक बटन बायीं तरफ होता है जिनकी मदद से हम क्लिक कर सकते हैं और ऑब्जेक्ट और टेक्स्ट को सेलेक्ट कर सकते हैं। पहले के समय में भी काफी माउस ऐसे होते थे जो की एक बटन के होते थे जैसे की एपल के काफी माऊसो में एक ही बटन होता है।

    बॉल, लेजर और एलईडी – हर एक कम्प्युटर माउस में बॉल और रोलर हो सकता है या फिर ये मैकेनिकल माऊस है तो इसमे लेजर ओर एलईडी हो सकती है। हर एक बॉल, लेजर और एलईडी माउस में इसके कर्सर को देखने के काम में आती है।

    माऊस व्हील – आजकल के कम्प्युटरों के माऊसो में एक माउस व्हील भी होता है जिसके मदद से हम पेज को ऊपर नीचे कर सकते हैं।

    सर्किट बोर्ड – सारे सिगनल्स की इन्फॉर्मेशन, कर्सर का चलना और बाकी की इन्फॉर्मेशन को नियंत्रण मे रखने के लिए माऊस के अंदर सर्किट बोर्ड होता है।

    केबल और वायर्लेस रिसीवर – केबल वाले माउस में एक यूएसबी केबल होती है जिसको हमें सीपीयू में जोड़ना पड़ता है।

    अगर हमें बिना तार वाला अतः वायर्लेस माउस इस्तेमाल करना है तो हमें पहले वायर्लेस यूएसबी रिसीवर को सीपीयू से जोड़ना पड़ेगा या फिर ब्लुटूथ से माउस को जोड़ना पड़ेगा उसके बाद ही हम वायर्लेस माऊस को इस्तेमाल कर सकते हैं।

    इस लेख में हमनें कंप्यूटर के माउस के बारे में जानकारी प्राप्त की।

    यदि इस विषय में आपके कोई सवाल या सुझाव हैं, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    One thought on “कम्प्यूटर माउस क्या है? पूरी जानकारी”

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