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    देश की राजधानी में ऑड-ईवन की तीसरी पारी (4-15 नवंबर) के दौरान करीब 4,806 लोगों ने इसके नियमों का उल्लंघन किया, जो कि साल 2016 में लागू की गई पिछली दो पारियों के मुकाबले कम रही। ऐसे में अधिकारियों ने इसका श्रेय जनता को दिया है।

    एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “इस बार उल्लंघनकर्ताओं की संख्या कम रही। साल 2016 में जहां पहली पारी में 10,000 लोगों ने जुर्माना दिया था, वहीं दूसरी पारी में उससे कम 5000 लोगों ने जुर्माना दिया था। इस बार यह संख्या 5000 से भी कम है। लोगों ने नियमों का पालन करने का निर्णय लिया, क्योंकि वे भी प्रदूषण कम करना चाहते थे।”

    वहीं अधिकारी ने यह भी कहा कि जुर्माने की राशि को दोगुना करने के कारण भी परिणाम बेहतर मिले हैं और कुछ लोगों को ही जुर्माना भरना पड़ा।

    अधिकारी ने कहा, “सरकार इस बात से खुश है कि इस बार अधिकतर लोगों ने नियमों का पालन किया।”

    उन्होंने कहा कि इस बार लोगों के बीच प्रदूषण और उसकी वजह से उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर वे ज्यादा सजग थे।

    शहर में साल 2016 में पहली बार ऑड-ईवन 1 से 15 जनवरी और दूसरी बार 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू किया गया था। इसका उल्लंघन करने पर 2000 जुर्माना भरना पड़ता है।

    वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ही कहा था कि अगर दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं आती है, तो वह ऑड-ईवन की समय-सीमा बढ़ा सकते हैं। हालांकि शुक्रवार को उन्होंने इस पर सोमवार को फैसला लेने की बात की थी।

    उन्होंने कहा था, “हम ऑड-ईवन योजना की समय-सीमा बेवजह नहीं बढ़ाना चाहते। हम वायु की गुणवत्ता को देखेंगे। अगर उसमें सुधार होता है, तब हम इस योजना की समय-सीमा नहीं बढ़ाएंगे।”

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