Wed. Apr 24th, 2024
    उज्ज्वल योजना

    गुरूवार को एलपीजी सिलिंडर के दामों में 30 रूपए तक ई गिरावट दर्ज की गयी जोकि पिछले 30 दिनों में तीसरी गिरावट थी। इस बार सब्सिडी युक्त सिलिंडर के दामों में जहां ₹1.46 की कटौती हुई वहीं सब्सिडी-युक्त सिलिंडर के दामो 30 रूपए गिर गए।

    क्या हैं नए दाम :

    गुरूवार को दोनों प्रकार के सिलिंडर के दामों में कटौती होने के बाद अब इन सिलिंडर के दाम निम्न हो गए हैं। आज से 14.2 किलो का सब्सिडी युक्त सिलिंडर 493.53 रूपए की कीमत पर बिकेगा और इसके साथ ही बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत दिल्ली में 659 रूपए प्रति सिलिंडर होगी। कुछ दिन पहले भी सिलिंडर के दामों में बड़ी कटौती की गयी थी जब बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत 130 रुपयों तक गिर गयी थी।

    दामों में गिरावट के कारण :

    भारतीय तेल निगम ने बताया की सिलिंडर के दाम कम होने का मुख्य कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत में गिरावट और अमेरिकी डॉलर-रुपये की विनिमय दर को मजबूत होना है। जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में एलपीजी के दाम कम हुए तो राष्ट्रीय बाज़ार में भी दामों कें कटौती की गयी।

    हम देख सकते हैं की पिछले 30 दिनों में सिलिंडर के दामों में तीसरी बार कटौती की गयी है। इसका यह अभिप्राय है की अंतर्राष्टीय बाज़ार में भी एलपीजी जके दाम कम हो रहे हैं और साथ में ही लगातार डॉलर-रूपए विनिमय दर भी मजबूत हो रहा है।

    कितनी मिलेगी सब्सिडी :

    दामों में कटौती होने के बाद अब यदि ग्राहक सब्सिडी वाला गैस सिलिंडर खरीदेंगे तो उपभोक्ताओं को जनवरी महीने के लिए उनके बैंक खातों में 165.47 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी मिलेगी। नवंबर में ग्राहक के बैंक खाते में सब्सिडी  433.66 रुपये थी और दिसंबर में 308.60 रुपये ग्राहकों के बैंक खताओं में भेजी गयी थी और इसके बाद जनवरी में बैंक खातों में 194 रुपयों की कुल सब्सिडी भेजी गयी थी।

    कैसे होता है सब्सिडी की मात्रा का निर्णय :

    एक वर्ष में प्रत्येक घर में 14.2 किग्रा के 12 सिलेंडरों को सब्सिडी दी जाती है, जो सीधे उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों में जाकर जमा होती है।

    यह सब्सिडी राशि महीने-दर-महीने बदलती रहती है जो औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क एलपीजी दर और विदेशी विनिमय दर में बदलाव के आधार पर बदलती है। जब अंतर्राष्ट्रीय दरें बढ़ जाती हैं, तो सरकार एक उच्च सब्सिडी प्रदान करती है। और जब वे नीचे आते हैं, तो सब्सिडी भी काम कर दी जाती है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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