Tue. Apr 16th, 2024

    मीटू मामले में आरोपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री व पत्रकार एमजे अकबर की याचिका को आज दिल्ली के कोर्ट ने खारिज करते हुए प्रिया रामानी को बरी कर दिया है। अदालत ने एमजे अकबर की मानहानि की याचिका को खारिज किया और पत्रकार प्रिया रामानी को सभी आरोपों से बरी कर दिया। एमजे अकबर पर आरोप था कि 20 साल पहले उन्होंने प्रिया रामानी समेत कुछ और महिलाओं के साथ भी यौन शोषण किया। जब हैशटैग मी टू कैम्पेन चला तो उस वक्त प्रिया रामानी यह बात खोली थी।

    इसके बाद एमजे अकबर ने उन पर मानहानि का केस कर दिया था। आज इस केस में प्रिया रमानी की जीत हुई। कोर्ट ने कहा कि महिला अपने ऊपर हुए अत्याचारों को कभी भी सामने रख सकती है और जिस देश में रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथ स्त्री के सम्मान में लिखे जाते हों, वहां स्त्रियों पर अत्याचार होना काफी दुखद है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि समाज को समझना होगा कि यौन अपराध से पीड़ित महिला को अपनी जिंदगी में कितना संघर्ष झेलना पड़ता है।

    इसके बाद प्रिया रमानी को कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया। प्रिया रामानी के बरी होने के बाद मी टू कैंपेन के अधिकारी टि्वटर हैंडल ने भी वी वॉन लिखकर खुशी जाहिर की, जिसका अर्थ है कि हम जीत गए। इसके अलावा और भी बहुत से पत्रकारों व महिलाओं ने प्रिया रामानी के समर्थन में ट्वीट कर खुशी जाहिर की। एमजे अकबर की याचिका खारिज हो चुकी है। फैसला अपने पक्ष में होने के बाद प्रिया रामानी ने भी खुशी जाहिर की है।

    उन्होंने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि वे उम्मीद करती हैं कि इस तरह के फैसले आने के बाद और महिलाओं को भी अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। प्रिया के खिलाफ एमजे अकबर ने आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था, लेकिन कोर्ट ने प्रिया रामानी को मानहानि का दोषी नहीं माना है।

    कोर्ट ने कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि यौन शोषण अक्सर बंद दरवाजों के पीछे ही होता है। और हम यह भी नहीं कह सकते कि ऐसा व्यक्ति जिसकी समाज में बड़ी प्रतिष्ठा हो वह इस तरह का काम नहीं करेगा। प्रिया रामानी के पक्ष में फैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर भी जश्न का माहौल देखा जा रहा है। ट्विटर पर भी हैशटैग मी टू टॉप पर ट्रैंड हो रहा है।

    इस आंदोलन के दौरान प्रिया रामानी ने कहा था कि आज से 20 साल पहले जब वे पत्रकार थी तो वे एक इंटरव्यू के लिए एमजे अकबर के ऑफिस गई थी। वे उस समय पत्रकार हुआ करते थे और एशियन एज के एडिटर थे। प्रिया रमानी ने इस कंपनी के लिए इंटरव्यू दिया था जिसके बाद एमजे अकबर ने उनका यौन शोषण किया। इस मामले के बाद एमजे अकबर ने इस बयान को झूठा करार दिया और प्रिया रामानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर कर दिया था। इस पर कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

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