Fri. Apr 19th, 2024

अगले साल जुलाई तक प्लास्टिक उत्पादों की एक पूरी श्रृंखला के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इनमें प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए थर्मोकोल, प्लेट, कप, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच और चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के बक्से, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट के आसपास फिल्म लपेटने या पैकिंग होने वाले ईयरबड शामिल हैं। यह मुख्यतः प्लास्टिक या पीवीसी बैनर 100 माइक्रोन से कम और स्टिरर वाले उत्पाद होंगे।

पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित किया जो 2022 तक “कम उपयोगिता और उच्च कूड़े की क्षमता” वाले विशिष्ट एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित कर देगा।

प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे को अभी तक एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं के सिलसिले वार ढंग के तहत हटाने का प्रयास नहीं किया गया है। मंत्रालय ने जुलाई में राज्यसभा को 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक की कुछ श्रेणियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के अपने प्रस्ताव की जानकारी दी थी। आगे का रास्ता बताते हुए एक मसौदा मार्च में जारी किया गया था और इसमें प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 में संशोधन शामिल था।

वर्तमान के नियम के अनुसार देश में 50 माइक्रोन से कम मोटाई के कैरी बैग और प्लास्टिक शीट के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगी हुई है। गुटखा, तंबाकू और पान मसाला के भंडारण, पैकिंग या बिक्री के लिए इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक सामग्री का उपयोग करने वाले पाउच पर भी प्रतिबंध है।

2019 में चौथी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में भारत ने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के कारण होने वाले प्रदूषण को संबोधित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था जिसमे ऐसे उत्पादों पर दुनिया भर में रोक लगाने की मांग की गयी थी। मंत्रालय ने शुक्रवार को एक नोट में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपशिष्ट प्रबंधन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।

सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए विशेष टास्क फोर्स के गठन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया था। पहचान की गई एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को खत्म करने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समन्वित प्रयास करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय द्वारा एक राष्ट्रीय स्तर की टास्क फोर्स का भी गठन किया गया था।

By आदित्य सिंह

दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *