Fri. Apr 19th, 2024
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    बिहार में एनडीए में मचा घमासान राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देने और एनडीए से बाहर जाने के बाद समाप्त हो गया।

    केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देने की घोषणा करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में असफल साबित हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी कहते हुए कहा कि “मैं निराश हूँ और आपके नेतृत्व से विश्वासघात का शिकार जैसा महसूस कर रहा हूँ।”

    कुशवाहा ने प्रधानमंत्री को इस्तीफ़ा देने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलकात की।

    उन्होंने प्रधानमंत्री को दिए अपने इस्तीफे में लिखा “आपने संविधान में अनिवार्य कैबिनेट के कामकाज को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया है। यूनियन कैबिनेट को केवल रबरस्टैम्प तक ही सीमित कर दिया गया है, बिना किसी विचार-विमर्श के आपके निर्णय का समर्थन किया गया है। मंत्रालयों में तैनात मंत्री और अधिकारी सिर्फ आंकड़ो के लिए  हैं क्योंकि लगभग सभी निर्णय आपके द्वारा लिया गया।”

    कुशवाहा के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि “सच कहने के लिए कुशवाहा जी को बधाई। भाजपा व नीतीश कुमार के किसान, युवा, महिला सुरक्षा, गरीब उत्पीड़न तथा बिहार की जनता की अनदेखी से व्यथित श्री उपेंद्र कुशवाहा जी ने भी मोदी जी को ख़ारिज कर NDA से बाहर जाने का निर्णय लिया। आइये नए भारत का निर्माण करें।”

    सुरजेवाला ने कुशवाहा का लिखा इस्तीफ़ा ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा कि कुशवाहा जी ने मोदी जी के निरंकुश शासन की पोल। मोदी जी प्रजातंत्र के लिए हानिकारक हैं।

    गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के लिए घमासान मचा हुआ था। एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद कुशवाहा को अपना महत्त्व कम होता नज़र आया और इसी बीच भाजपा और जेडीयू ने बराबर बराबर सीटों पर लड़ने का ऐलान कर कुशवाहा को और भड़का दिया। कुशवाहा ने कई बार अमित शाह और नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन उन्हें मुलाकात के लिए समय नहीं दिया गया। इससे कुशवाहा अपमानित महसूस कर रहे थे।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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