Fri. Apr 19th, 2024
    वेंकैया नायडू और गोपालकृष्ण गाँधी

    देश के 15वें उपराष्ट्रपति के लिए कल होने वाले चुनाव की सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने वरिष्ठ राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू को अपना उम्मीदवार चुना है वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने महात्मा गाँधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गाँधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन राज्यसभा का सभापति भी होता है। राज्यसभा अब तक मोदी सरकार का कमजोर पहलू रही है। ऐसे में यह चुनाव भाजपा के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। वैसे अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो वेंकैया नायडू की उम्मीदवारी गोपालकृष्ण गाँधी के मुकाबले काफी मजबूत नजर आ रही है और उनका उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय है। ऐसे में कल होने वाले चुनाव महज औपचारिकता भर रह गए हैं।

    उपराष्ट्रपति चुनावों में संसद के दोनों सदनों के सदस्य मतदान करते हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में सीक्रेट बैलेट का इस्तेमाल होता है। इसमें अपना उम्मीदवार चुनने के लिए सांसदों को एक खास तरह के पेन का प्रयोग करना होता है। दूसरी तरह के पेन से मार्क किए गए वोट को ख़ारिज कर दिया जाता है। इन चुनावों में किसी तरह के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल नहीं होता बस उम्मीदवारों का नाम भर अंकित होता है। मतदान कल 5अगस्त, शनिवार को होगा और शाम तक परिणाम भी जारी कर दिया जाएगा।

    नायडू के पक्ष में हैं आंकड़ें

    उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावों में संसद के दोनों सदनों के सदस्य मतदान करते है। दोनों सदनों को मिलाकर कुल 790 सीटें हैं और वर्तमान में 785 सदस्य हैं। भाजपा को लोकसभा में बहुमत प्राप्त है और राज्यसभा में भी भाजपा सबसे बड़ा दल है। राज्यसभा में भाजपा के 58 सांसद हैं और वह 57 सांसदों वाली कांग्रेस को पछाड़कर सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है। अगर एनडीए की बात करें तो लोकसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 340 व राज्यसभा में 85 सांसद है। इन दोनों को मिलाकर एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू 425 के आंकड़ें तक पहुँचते है। बिहार में गठबंधन करने के बाद जेडीयू केंद्र में भी भाजपा के साथ आ सकती है। जेडीयू के पास कुल 12 सांसद हैं। ऐसे में वेंकैया नायडू की उम्मीदवारी और मजबूत हो जाएगी। वैसे बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने गोपालकृष्ण गाँधी का समर्थन करने का एलान किया था। मुमकिन है महागठबंधन से अलग होने के बाद वह अपनी पसंद भी बदल लें। देश के अब तक के उपराष्ट्रपति चुनावों में डॉ. एस राधाकृष्णन, मोहम्मद हिदायतुल्लाह और डॉ. शंकर दयाल शर्मा ही निर्विरोध चुने गए हैं।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।