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    उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन

    उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की निगरानी में देश में परमाणु हथियार का परिक्षण किया गया था। विश्लेषकों के मुताबिक, यह कम मारक क्षमता क्रूज मिसाइल हो सकती है। उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को दोबारा संवारने के लिए प्रतिबंधों को हटाने की उम्मीदे पस्त होती जा रही है।

    जानकारों के मुताबिक, वियतनाम में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठक में शान्ति समझौते पर न पंहुच पाना शर्मनाक है। किम राष्ट्रपति को बगैर बढ़काये वापस वार्ता की अपनी मुट्ठी में करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किम जोंग उन द्वारा सैन्य इकाइयों और हथियार की साइट पर यात्रा को बहाल करने का मकसद डोनाल्ड ट्रम्प पर दबाव बनाना है।

    बीते हफ्ते एक दुर्लभ भाषण में किम ने अपनी आवाम से कहा कि “प्रतिबंधों से जल्द आज़ादी की उम्मीदे न लगाए और अमेरिका के खिलाफ लम्बे संघर्ष के लिए खुद को तैयार रखे।” साथ ही उन्होंने कहा कि वह डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक और बैठक के लिए तैयार है यदि इस वर्ष के अंत तक वांशिगटन किसी नए प्रस्ताव के साथ आता है।

    मंगलवार को किम ने सैन्य एयरफील्ड की यात्रा की थी जहां उन्होंने पायलटो को रुसी मिग फाइटर जेट उड़ाते हुए देखा था। रूस के सैन्य विमानों को खरीदने पर भी अमेरिका ने प्रतिबन्ध लगा रखा है। जानकारों के अनुसार, यह प्रतिबंधों के खिलाफ आज्ञा का उल्लंघन करने एक एक प्रदर्शन था।

    गुरूवार को उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियार के परिक्षण की आधिकारिक पुष्टि की थी और यह अमेरिका को सन्देश था कि उत्तर कोरिया युद्धनीति अब सख्त होती जाएँगी। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने हथियार के परिक्षण के पर टिपण्णी करने से इंकार कर दिया है क्योंकि अभी वे अभी उपलब्ध आंकड़ों की जांच कर रहे हैं।

    सीओल में स्थित सैन्य जानकारों के मुताबिक, यह एक शार्ट रेंज मिसाइल थी जैसे इजराइल ने स्पाइक मिसाइल बनायीं है। जो बेहद निम्न स्तर पर उड़ती है और काफी कम दूरी को ही कवर कर पाती है। कोरिया के डिफेन्स फोरम के हथियार जानकार शिंग जोंग वू ने कहा कि “यह उत्तर कोरिया का जर्जर पारम्परिक हथियार प्रणाली में सुधार करने का प्रयास है और अब उन्होंने परमाणु आर्सेनल को पूरा कर दिया है।”

    उत्तर कोरिया के शार्ट रेंज और मेडियम रेंज की मिसाइल से जापान और दक्षिण अमेरिका भयभीत रहते हैं। उनकी मिसाइल क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को भी निशाना बना सकती है। सीओल में रिटायर्ड थ्री स्टार जनरल शिन वोन सिक ने कहा कि “अमेरिका से कूटनीतिक वार्ता के बावजूद उत्तर कोरिया कभी शार्ट रेंज मिसाइल की शुद्धता में सुधार करने से बाज नहीं आएगा।”

    उत्तर कोरिया ने साल 2017 में सबसे बड़ा हथियार परिक्षण किया था, जब उसने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को लांच किया था। लेकिन इसके बाद किम ने आईसीबीएम और परमाणु परिक्षण पर रोक लगा दी थी। जानकारों के मुताबिक, हथियार का परिक्षण कर उत्तर कोरिया अपने पत्तो को सावधानी से फेंक रहा है। इस परिक्षण से किम अमेरिका पर दबाव तो बना सकते हैं लेकिन अपने  उतरने का दावा नहीं कर सकते हैं।

    गुरूवार को भाषण के दौरान अमेरिकी सीआईए की निदेशक गिना हास्पेल ने कहा कि “हमें फक्र है कि हम प्रशासन के प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं। सालो की विफलता के बाद मुझे लगता कि उत्तर कोरिया के नेता के साथ हाथ मिलाने में अमेरिकी राष्ट्रपति ने काफी चतुरता दिखाई है और इससे उत्तर कोरिया की जनता का एक अलफ भविष्य हो सकता है।”

    उत्तर कोरिया का बाहरी व्यापार 93 प्रतिशत चीन पर निर्भर है लेकिन अभी बीजिंग वांशिगटन के साथ व्यापार युद्ध में व्यस्त है ऐसे में उत्तर कोरिया रूस की माध लेना चाहता है।

    विश्लेषक डेविड किम के मुताबिक, उत्तर कोरिया की आर्थिक स्थिति पर चीन का काफी नियंत्रण है ऐसे में वह पूरी तरह बीजिंग से पल्ला नहीं झाड़ेगा। किम जोंग उन अमेरिका को दिखाना चाहता है कि सिर्फ चीन ही एकमात्र विकल्प नहीं है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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