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    nuclear act

    ईरान आगामी कुछ दिनों में परमाणु समझौते के नियमों का उल्लंघन करने की कगार पर है और मंज़ूरी से अधिक यूरेनियम का उत्पादन कर सकता है, लेकिन वह यह गुरूवार को तय की गयी समयसीमा के उपरान्त नहीं करेगा। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आखिरी क्षण में हवाई हमले को रोक दिया था।

    तेहरान जल्द ही परमाणु प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन कर सकता है और यह संकट से बाहर निकलने के तरीके के लिए अतिरिक्त कूटनीतिक तत्कालिता को उत्पन्न कर सकती है। ईरान ने गुरूवार को एक समयसीमा तय की थी इसके बाफ भारी मात्रा में यूरेनियम का उत्पादन करने की चेतवनी दी थी।

    अमेरिका ने साल 2015 में ईरान और वैश्विक ताकतों के साथ हुई संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था और तेहरान अभी भी इस संधि का अनुपालन कर रहा है। यूएन के जांचकर्ताओं के हालिया आंकलन के मुताबिक, ईरान ने अभी तक सीमा का उल्लंघन नहीं किया है लेकिन कुछ दिनों में वह ऐसा कर सकता है।

    उन्होंने कहा कि “उन्होंने अभी सीमा को पार नहीं किया है, लेकिन वह इस सप्ताहांत में कर सकते हैं।” ईरान में अमेरिका के राजदूत ब्रायन ने गुरूवार को पेरिस में यूरोपी अधिकारीयों से मुलाकात की थी। फ्रांस ने कहा था कि “वह ट्रम्प से ईरान पर लागू कुछ प्रतिबंधों को हटाने के लिए बात  ताकि तनाव को कम किया जा सके।

    फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन ने कहा कि “मैं ट्रम्प को मनाना चाहता हूँ कि वार्ता प्रक्रिया को दोबारा शुरू करना उनके हित में हैं और वार्ता के एक मौके के लिए कुछ प्रतिबंधों से रियायत दे।” ईरान ने कहा कि “वह समझौते का पालन करना चाहते हैं लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं कर सकते हैं क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंधों का मतलब हमें कोई फायदा नहीं हो रहा है।”

    हुक ने एक इंटरव्यू में कहा कि “हमारे प्रतिबंधों ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम को बढ़ाने का अधिकार नहीं दिया है। वह कभी भी परमाणु बम के नजदीक नहीं पहुंच पाएंगे। हम उन्हें करीबी से देख रहे हैं ताकि वह कुछ न कर सके।” मैक्रॉन ने कहा कि “मेरी दो प्राथमिकताएं है: सैन्य तनाव को कम करना और ईरान को संधि का उल्लंघन करने से रोकना।”

    अमेरिका ने संधि को तोड़ने के बाद ईरान पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिए थे और इस कारण ईरान अपने तेल को निर्यात करने में असमर्थ है जिससे उनकी अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ गयी है। अमेरिका ने ईरान पर यूएई के तट पर छ तेल टैंकरों पर हमले के आरोप लगाए थे लेकिन ईरान ने इन आरोपों को खरिज दिया था।

    ईरान ने हमले से सम्बंधित रिपोर्ट को गुरूवार को यूएन की सुरक्षा परिषद् में पेश किया था। अमेरिका ने अति आत्मविश्वास से बताया कि इसके लिए ईरान ही जिम्मेदार है। बीते हफ्ते ईरान ने अमेरिका के निगरानी ड्रोन को मार गिराया था। अमेरिका ने कहा कि उनका ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में था।

    ट्रम्प ने कहा कि “उन्हें जंग से बचाव की उम्मीद है लेकिन अगर ऐसा संभव हुआ तो यह बेहद छोटी जंग होगी। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि “ईरान के साथ छोटी जंग कल्पना है और उन्होंने विनाश चेतावनी दी है।” अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव मार्क एस्पेर ने कहा कि “हम ईरान के साथ सैन्य संघर्ष नहीं चाहते हैं लेकिन हम क्षेत्र में अमेरिका की सेना और अपने हितो की रक्षा के लिए तैयार है।”

    ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि “उनका लक्ष्य ईरान को जबरन वार्ता की टेबल पर वापस लाना है। साल 2015 का समझौते बेहद कमजोर है क्योंकि यह स्थायी नहीं है और गैर परमाणु मामलो को कवर नहीं करता है।” ईरान ने कहा कि “वह तब तक अमेरिका के साथ वार्ता नहीं करेगा जब तक संधि को नहीं देखता और प्रतिबंधों को नहीं हटाता।”

    विएना में शुक्रवार को एक ईरानी अधिकारी ने कहा कि “ईरान की मुख्य मांग उसी तरह तेल का व्यापार करना है जैसे वांशिगटन के संधि तोड़ने से पहले था।  हमारी मांग क्या है? हमारी मांग हमारे तेल को बेचना है और पैसो को वापस लेना है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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