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    बेंजामिन नेतान्यहु की जीत का जश्न

    इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति चुनावो में जीत हासिल कर ली है और अब पांचवी दफा वह तेल अवीव के प्रधानमंत्री बनेगे। देश के तीन प्रमुख चैनल ने विपक्षी नेता बैनी गेट्ज़ को हराकर प्रधानमंत्री की जीत की घोषणा की है। 97 प्रतिशत मतों की गिनती हो चुकी है लेकिन किसी पार्टी को बहुमत मिलने का ऐलान किया था। हालाँकि बेंजामिन नेतन्याहू गठबंधन बनाने की मज़बूत स्थिति में हैं।

    प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। उन पर गबन के तीन मामले दर्ज होने की सम्भावना है लेकिन उन्होंने किसी गलत कार्य में शामिल न होने की बात कही थी। 69 वर्षीय नेतन्याहू ने अपने समर्थकों की हौसलाअफ़ज़ाई करते हुए कहा कि “यह रात भारी जीत की है।” हालाँकि नतीजों का ऐलान एक रात और एक संभावित दिन के बाद होगा।

    भीड़ में पटाखे चलाये गए और प्रधानमंत्री की पत्नी सारा ने उनको गले लगाया और कहा कि वह जादूगर है। चुनावो का अंतिम परिणाम शुक्रवार को जारी किया जायेगा। खबरों के मुताबिक 120 सीटों में से दक्षिण पंथी पार्टी 65 सीटे जीतेगी। जबकि 55 सीट सेंटर विंग जीतेगी।

    अगर वह चुनाव में जीत जाते है तो नेतन्याहू इजराइल के सबसे अधिक सत्ता पर विराजमान होंगे। नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने पहले ही गठबंधन के सहयोगियों से मुलाकात कर ली है। साल 2009 में बेंजामिन नेतन्याहू सत्ता पर बरक़रार है उन्हें 13 वर्ष हो चुके हैं इसमें साल 1990 का कार्यकाल भी शुमार है।

    59 वर्षीय पूर्व जनरल रिवाल गेट्ज़ ने भी जीत का ऐलान किया है। उन्होंने दावा किया कि “उनकी पार्टी को लिकुड से  अधिक मत मिले हैं। हम विजेता है। राष्ट्र के लिए बेंजामिन नेतन्याहू की सर्विस के लिए हम शुक्रिया अदा करते हैं।”

    दोनों विरोधी पार्टियों ने चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। चुनावो से तीन दिन पूर्व बेंजामिन नेतान्याहू ने एक विवादित संकल्प लिया था कि अगर वह चुनावों में जीत हासिल करते है तो वह वेस्ट बैंक में स्थित यहूदी बस्तियों को इजराइल में मिला लेंगे।

    उन्होंने चुनाव से पूर्व मतदाताओं को लुभाने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रुसी राष्ट्रपति बेंजामिन नेतान्याहू और ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेर बोल्सोनारो से मुलाकात की थी। साल 1967 में मध्य एशिया जंग के दौरान इजराइल ने सीरिया के गोलन हाइट्स पर कब्ज़ा कर लिया था।

    हाल ही में बेंजामिन नेतन्याहू ने वेस्ट बैंक की बस्तियों को इजराइल में मिलाने का वादा किया था। रायटर्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि “मैं इजराइल की सम्प्रभुता का विस्तार करने जा रहा हूँ और मैं बस्तियों या अलग बने रिहायशी क्षेत्रों में फर्क नहीं करूँगा। मेरे विचार से यह सभी बस्तियां इजराइल का भाग है। मैं इसकी सम्प्रभुता फिलिस्तान के हवाले नहीं करूँगा, मैं इन सभी का ख्याल रखूँगा।”

    चुनाव के बाबत फिलिस्तीन के प्रमुख वार्ताकार साएब एरेकेट ने कहा कि “इजराइल ने स्टेटस के सवाल पर मतदान किया है। उन्होंने शान्ति का न कहा ै और कब्जे को हाँ कहा है।” साल 2014 में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच बातचीत को अमेरिका ने रद्द कर दिया था।

     

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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