Sat. Apr 20th, 2024
    इंडियाज गॉट टैलेंट सीजन 8 के विजेता बने जावेद खान

    रियलिटी शो “इंडियाज गॉट टैलेंट सीजन 8” को अपना विजेता जादूगर जावेद खान के रूप में मिल गया है। 27 साल के जावेद, राजस्थान के सिरोही के एक धार्मिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। मगर वर्तमान में वे मुंबई के ही निवासी हैं। पेशे से एक आईटी तकनीशियन, आईजीटी विजेता ने अपने संघर्ष, शो की तैयारी और भारत में जादू के स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य के बारे में विशेष रूप से एचटी से बात की। कुछ अंशः

    शो के बाद लोगों के रवैये में आपने क्या बड़ा बदलाव देखा?

    मैं राजस्थान के सिरोही से आता हूँ। मेरे माता-पिता और मेरे गांववाले बहुत संकीर्ण सोच वाले हैं। वो काफी धार्मिक हैं इसलिए उन्होंने कभी मेरी कला की कदर नहीं की। मैं अपने कमरे तक में कार्ड बाहर नहीं निकाल पाता था। मुझे दिन रात अभ्यास करना होता था इसलिए जहाँ भी जाता अपने कार्ड अपने पास रखता। अगर लोग मेरे हाथों में कार्ड देख लेते तो सोचते कि मैं जुआ खेल रहा हूँ जो हमारे धर्म में हराम है। सबने अप्पति जताई मगर मुझे अपने जूनून पर भरोसा था। मेरे माता-पिता ने तो मुझसे दो सालों तक बात भी नहीं की थी और साथ ही मुझे ताना और मार देते थे।

    अपने सफ़र के बारे में कुछ बताये। 

    जब उन्होंने 2015 में ये शो देखा था तब फिनाले पर विजेता को देख उन्होंने कहा था कि इसके माता-पिता इस वक़्त कितना गर्व महसूस कर रहे होंगे। उसी वक़्त मैंने फैसला लिया कि मैं इस शो का ऑडिशन दूंगा। मैंने एक साल का वक़्त लिया और दो तीन सीजन देख कर पता किया कि इस शो में जादू का क्या स्तर है। मैंने मेहनत कर ऐसी चीज़े निकाली जो उन्होंने नहीं देख रखी थी कभी। और ऐसी मेरा चयन हो गया।

    आपने प्रतियोगिता की तैयारी कैसे की?

    मैं पिछले साढ़े चार साल से जादू सीख रहा हूं। जैसा मैंने इस शो में दिखाया, मैं इस बारे में रणनीति बनाता था कि मैं किस तरह के दृश्य को मंच पर पेश करूंगा, नुकसान को देखूंगा और एक जादूगर के कार्य में क्या कमी थी जो वह फिनाले तक नहीं पहुँचा। मैं अपने एक्ट में उन कमियों को लेकर आता था।

    जादू सीखने के लिए सबसे आवश्यक चीज़ क्या है?

    मेरा स्टाइल दर्शकों और जजों पर प्रभाव बनाने के बारे में ज्यादा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका प्रोप एक मार्कर है, कार्ड है या एक बड़ा स्टेज। मेरी रणनीति दर्शकों को एक अनुभव प्रदान करना है; इसे ऑर्गेनिक मैजिक कहा जाता है। इन्सान के पास अपना स्टाइल होना चाहिए।

    आप मुंबई में रहते हैं। वहाँ अपने जीवन के बारे में कुछ बताइए? 

    मुंबई के पाटनवाड़ी में रहना अपने आप में एक संघर्ष है। मेरे पिता एक रिक्शा चालक हैं। हम चॉल में एक किराए के मकान में रहते हैं। इसने मुझे बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। संघर्ष ने मुझे अपने सपने को पूरा करने और एक गाड़ी जीतने के लिए मजबूर किया। मैं संघर्ष को अपने सफ़र में एक प्रेरणा के रूप में देखता हूँ।

    आपकी भविष्य के लिए क्या योजनाएं हैं?

    मेरे दिमाग में काफी वक़्त से कुछ आईडिया थे। चूंकि मुझे अब ऐसा एक्सपोजर मिल गया है, मुझे जीवन में बहुत कुछ करना है। मुझे यूट्यूब पर वीडियो सीरीज़ बनानी होगी। विदेश में, इसे एक कला के रूप में देखा जाता है और लोग इसे गंभीरता से लेते हैं, विशेष रूप से युवा लोग। लेकिन इसे भारत में एक कला रूप नहीं माना जाता है। मुझे भारत में जादू का स्तर उठाना है।

    आप पुरस्कार राशि के साथ क्या करने का सोच रहे हैं?

    मैं अपने माता-पिता को एक बेहतर जीवन देना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं लोन पर एक छोटा सा घर खरीद सकता हूं और अपने माता-पिता को कुछ आराम दे सकता हूं।

    जजों के बारे में कुछ खास बताएं। 

    मैं उन्हें केवल सेलिब्रिटी समझता था लेकिन जब मैं शो में गया, तो मैंने उन्हें बहुत सपोर्टिव, स्पोर्टी, वास्तविक और अच्छा पाया। यदि आप प्रतिभाशाली हैं, तो वे एक्ट का सम्मान करते हैं। मुझे सिर्फ उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए उनका मनोरंजन करना पड़ता था। किरन खेर सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करती हैं और मेरे स्टाइल पर ध्यान देती हैं। करण जौहर यही देखते हैं कि आप अपनी चाल कैसे पेश करते हैं। मलाइका अरोड़ा की पसंदीदा श्रेणी जादू है इसलिए वह हमेशा इसका समर्थन करती थीं।

    जावेद खान को 25 लाख रूपये के इनाम के साथ साथ एक कार भी पुरुस्कार के रूप में मिली।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *