Sat. Apr 20th, 2024
    इंडिगो

    लो-कास्ट एयरलाइन इंडिगो ने मंगलवार को भारत के मुख्य शहरों में से करीब 30 उड़ानें रद्द कर दी जिससे हज़ारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा और मजबूरी में महँगी टिकट खरीदनी पड़ी। बतादें की इंडिगो के उड़ाने रद्द करने के सिलसिले का यह लगातार चौथा दिन था।

    पिछले चार दिनों से चल रहा सिलसिला :

    इंडिगो उड़ानें रद्द

    वाहक इंडिगो का फ्लाइट को रद्द करने का यह सिलसिला पिछले चार दिनों से चला आ रहा है। यदि आंकड़ों की बात करें तो इंडिगो ने शनिवार को कुल 40 फ्लाइट्स को रद्द किया इसके बाद रविवार को इंडिगो ने 35 और फिर सोमवार को भी इसने 32 फ्लाइट्स रद्द कर दी। इसके बाद इस सिलसिले का आज चौथा दिन है और इंडिगो ने आज भी 30 उड़ानें रद्द कर हज़ारों लोगों को असुविधा करवाई है।

    मंगलवार को रद्द की गई 30 उड़ानें कोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित प्रमुख हवाई अड्डों से थीं। इंडिगो देश भर में लगभग 1,400 दैनिक उड़ानें संचालित करता है और घरेलु बाज़ार में इसकी 43 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

    इंडिगो के प्रवक्ता का बयान :

    निरंतर रद्द हो रही उड़ानों के सिलसिले पर इंडिगो के एक प्रवक्ता ने बयान दिया की फ्लाइट्स कंपनी अपनी उड़ानों की समय सारणी में कुछ संशोधन कर रही है जिसके कारण सारणी में असुविधा हो रही है। कंपनी द्वारा संशोधन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि श्रीनगर में बर्फ के कारण सामान्य सारिणी पर सञ्चालन नहीं हो पा रहा है। हालांकि हम कम से कम उड़ानें रद्द करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन देश के कुछ हिस्सों में खराब मौसम के चलते विभाग को परेशानी हो रही है और सामान्य सारिणी के हिसाब से उड़ाने संचालना नहीं हो प् रहा है।

    इंडिगो लगातार बढ़ा रहा फ्लाइट्स की संख्या:

    साल दर साल इंडिगो अपनी फ्लाइट्स की संख्या और उड़ान की क्षमता को लगभग 30 प्रतिशत से बाधा रहा है जोकि इसके प्रतिस्पर्धियों से लगभग दो गुना का आंकड़ा है। वर्ष 2018 में इसने 55 नयी फ्लाइट्स जोड़ी और कुल 120 नयी हवाईजाहज खरीदी थी।

    स्पाइसजेट के चेयरमैन का मत :

    फ्लाइट्स के लगातार रद्द होने पर स्पाइसजेट के चेयरमैन और डायरेक्टर ने पायलटों की कमी का हवाला दिया। उन्होंने बताया की भारत में अनुभवी पायलटों की संख्या बहुत कम है जिसके चलते फ्लाइट्स की सारिणी में कभी कबार बाधा आ जाती है। हालांकि हमारी फ्लाइट स्पाइसजेट में अभी तक ऐसा कोई मुद्दा सामने नहीं आया है। लेकिन फिर भी भारत में अधिक अनुभवी पायलटों की ज़रुरत है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *