Thu. Apr 25th, 2024
    आयुष्मान खुराना की फिल्म 'आर्टिकल 15' पर दिखाया यूपी के ब्राह्मण समुदाय ने क्रोध

    लगता है, बॉलीवुड में बिना किसी विवाद के फिल्म का रिलीज़ होना नामुमकिन सा हो गया है। आयुष्मान खुराना की आगामी फिल्म ‘आर्टिकल 15‘ जो बदायूं बलात्कार और हत्या मामले से प्रेरित है, वह मुश्किलों में फंस गयी है।

    इस फिल्म ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय को क्रोधित कर दिया है। अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित फिल्म की शूटिंग लखनऊ और उसके आसपास हुई है। ब्राह्मण इस तथ्य से परेशान हैं कि कहानी को मोड़ दिया गया है। आरोपी पुरुषों को ब्राह्मण के रूप में चित्रित करने के इरादे से, उन्हें लगता है कि यह समुदाय को बदनाम करेगा।

    पिछले हफ्ते रिलीज़ हुई इस फिल्म के ट्रेलर में एक गाँव की दो युवा लड़कियों को बेरहमी से बलात्कार और हत्या करके उनके शव एक पेड़ से लटके हुए दिखाया गया है। यह वो लड़कियां हैं जिनके परिवार को हाशिए पर लाकर, उन्हें मजदूरों के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। फिल्म में उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने अपने दैनिक वेतन में 3 रुपये की बढ़ोतरी की मांग की थी।

    ARTICLE 15 POSTER

    फिल्म में दर्शाया गया है कि क्षेत्र में जातिगत समीकरण कैसे प्रचलित हैं। ट्रेलर में दिखाया गया है कि ये अपराध किसी ‘महंत जी के लड़के’ ने किया है। महंतजी को ब्राह्मण समुदाय में सबसे ऊँचे दर्जे का माना जाता है और इससे ब्राह्मण समुदाय को गुस्सा आ गया है।

    बदायूं बलात्कार और हत्या मामला 2014 में हुआ था जब उत्तर प्रदेश में सपा के अखिलेश यादव की सरकार थी। दिलचस्प बात ये है कि फिल्म में आयुष्मान खुराना ने खुद एक ब्राह्मण पुलिसवाले का किरदार निभाया है जो निष्पक्ष होकर उन लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए लड़ते हैं।

    आरोपियों के नाम पप्पू यादव, अवधेश यादव, उर्वेश यादव, छत्रपाल यादव और सर्वेश यादव थे। छत्रपाल और सर्वेश पुलिसकर्मी थे। पुलिस विभाग पर आरोप लगाया गया था कि वह इस मामले में आरोपी को ढील दे रहा है क्योंकि उन पर समाजवादी पार्टी की तरफ से राजनीतिक दबाव बढ़ रहा था जो यादवों के पक्ष में थे।

    आयुष्मान खुराना: जो 'मुल्क' हिन्दू-मुसलमानों के लिए थी, 'आर्टिकल 15' जातिवाद के लिए है

    ब्राह्मण संगठन परशुराम सेना के युवा छात्र नेता कुशल तिवारी ने कहा-“यदि फिल्म बदायूं की घटना पर आधारित है, तो आरोपी को ब्राह्मणों में बदलने की आवश्यकता कहां थी? यह स्पष्ट है कि इरादा ब्राह्मण समुदाय को बदनाम करना है। हमने इस मुद्दे के बारे में जागरूकता पैदा करना शुरू कर दिया है और हम फिल्म को यहाँ रिलीज़ होने की अनुमति नहीं देंगे।”

    तिवारी ने आगे कहा कि अगर ठाकुर ‘पद्मावत’ पर रोक लगा सकते हैं तो ब्राह्मण इस फिल्म में अपने सम्मान के लिए क्यों नहीं लड़ सकते? उनके मुताबिक, “हम सोशल मीडिया पर एक अभियान लांच कर रहे हैं और हम फिल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा से भी संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह हमारे कॉल्स नहीं उठा रहे।”

    article 15

    उन्होंने कहा कि जबकि फिल्म मार्च और अप्रैल में लखनऊ में शूट हुई थी, उन्हें कहानी के बारे में नहीं पता था इसलिए उन्होंने पहले विरोध नहीं किया।

    इस मामले में, फिल्म में अहम किरदार निभाने वाले मनोज पाहवा ने न्यूज़ एजेंसी को बयान दिया है। उन्होंने कहा-“फिल्म पूरी तरह से बदायूं में हुए जघन्य अपराध पर आधारित नहीं है, जहां दो लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया और उन्हें फांसी दे दी गई। यह फिल्म केवल उस घटना से प्रेरित है और इसे ‘आर्टिकल 15’ नाम दिया गया है जो सभी को समानता का अधिकार देता है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *