Fri. May 10th, 2024
अल्जीरिया में प्रदर्शन

अल्जीरिया में शुक्रवार को हज़ारो प्रदर्शनकारियों का हुजूम सड़कों पर उमड़ आया और संघर्ष के बढ़ने के दौरान पुलिस के 80 अधिकारी जख्मी हो गए और फिर 200 लोगो की गिरफ्तारी की गयी थी। भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस ने दंगा विरोधी आंसू गैस के गोले दागे, जिसमे सैकड़ो युवक शुमार थे।

इसके बाद परिवारों ने पूरे दिन शांतिपूर्ण मार्च निकाला था। पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के साथ आये घुसपैठियों के साथ संघर्ष के बाद 180 लोगो को गिरफ्तार किया गया था और इसमें 83 पुलिस कर्मी घायल हुए थे।

20 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बॉटफ्लिका ने 10 दिन पूर्व पद त्याग दिया था। इसके लिए सेना पर दबाव बनाकर उसे झुकाना पड़ा और देश में बदलाव के लिए युवकों ने हफ्तों तक प्रदर्शन किया था। 22 फरवरी को शुरू हुआ प्रदर्शन काफी शांतिपूर्ण था।

साल 1962 में अल्जीरिया को फ्रांस से आज़ादी मिली थी और भ्रष्टाचार चरम पर था। सभी चाहते थे कि अल्जीरिया पर हुकूमत करने वाले एक अभिजात को सत्ता से हटा दिया जाए। अब्देलकर बेंसलाह को बॉटफ्लिका ने सत्ता से हटाया था, जो संसद के लोकसभा का अध्यक्ष हैं। राष्ट्रपति चुनावो के आयोजन 4 जुलाई तक यानी 90 दिनों के लिए बेंसलाह को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया गया है।

प्रदर्शनकारियो ने शुक्रवार को ‘नो टू बेंसलाह’ के नारे लगाए थे। रायटर्स के मुताबिक सैकड़ों से हज़ारो लोगो की भीड़ मौजूद थी हालाँकि कोई आधिकारिक गणना नहीं दी गयी है।”

प्रदर्शनकारियों ने बैनर लिए कहा कि “हम सभी भ्रष्ट लोगो का अभियोजन चाहते हैं और गैंग के लिए न कहते हैं।” कई लोगो ने अल्जीरिया के राष्ट्रीय ध्वज को लहराया था।

एक प्रदर्शनकारी नवल ने बताया कि “हम आज यह कहने बाहर निकले हैं कि बेंसलाह की नियुक्ति असंवैधानिक है। हम सैन्य शासन के हकदार नहीं है। हम मुक्त और लोकतान्त्रिक अल्जीरिया के हकदार है।” 52 वर्षीय अली बडजी ने कहा कि “हम अभी भी अपनी मांगो पर अडिग है। हम मूल परिवर्तन चाहते हैं।”

पुलिस ने बयान में कहा कि “उन्होंने बेनामी आतंकी समूहों के सदस्यों को गिररफ्तार किया है और कई विदेशियों को भी किया है जो प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए भड़काने की योजना बनाकर आये थे।” इस बयान में हिंसा के बाबत कोई जानकारी नहीं दी गयी है।

प्रदर्शनकारियों में प्रत्येक चार में से एक व्यक्ति 30 वर्ष से कम उम्र का है और बेरोजगार है। प्रदर्शनकारी अर्थव्यवस्था को मुक्त देखना चाहते हैं और तेल व गैस उत्पादन पर निर्भरता को कम करना चाहते हैं।

बुधवार को अल्जीरिया के सैन्य प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद गाइड सलाह ने कहा कि “वह बॉटफ्लिका की हुकूमत के करीबी सदस्यों को देख रहे हैं और वह भ्रष्टाचार के लिए न्यायिक प्रक्रिया का सामना करेंगे। मैं चुनावो की तरफ बढ़ने का समर्थन करता हूँ।” सलाह ने ऐलान किया कि “साल 2013 में स्ट्रोक से झूझने के बाद बॉयटेफ्लिका सार्वजनिक स्तर पर काफी कम दिखाए देते थे और वह हुकूमत करने के योग्य नहीं है।”

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *