Fri. Apr 19th, 2024
    हसन रूहानी

    संयुक्त राष्ट्र की सभा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और ईरानी समकक्ष हसन रूहानी ने एक-दूसरे पर जमकर तंज कसे।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने तेहरान पर और प्रतिबन्ध लगाने कि चेतावनी दी थी। हसन रूहानी ने कहा कि उनके अमेरिकी समकक्ष में अक्ल कि कमी है।

    यूएन की सालाना बैठक में डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमला बोलते हुए कहा कि ईरान में भ्रष्ट तानाशाही है। उन्होंने सन्देश दिया कि वह वैश्विकरण कि नीति को नकारते हैं। और वह अमेरिका के हितो का संरक्षण करेंगे।

    अपने 35 मिनट के सम्बोधन में उन्होंने ईरान पर जमकर हमला बोला। अमेरिका ने तेहरान पर परमाणु मंसूबों को अंजाम देने और मध्य पूर्व जैसे सीरिया, यमन और लेबनान में चरमपंथियों कि मदद से अस्थिरता फ़ैलाने का आरोप लगाया।

    उन्होंने कहा ईरानी नेता को बॉर्डर और पड़ोसी मुल्कों की सम्प्रभुता का जरा भी लिहाज नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प ने सभा में कहा कि ईरानी नेता ने अराजकता, विखंडन और हत्याओं को अंजाम दिया है।

    हसन रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के साथ साल 2015 अंतर्राष्ट्रीय परमाणु संधि से पीछे हटने के निर्णय की आलोचना की। साथ ही उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प का वैश्विक संस्थानों से पीछे हटना उनके चरित्र की कमी को दर्शाता है। डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दी गयी स्पीच उनकी अमेरिका फर्स्ट कि नीति को दर्शा रही थी।

    उन्होंने परमाणु संधि तोड़कर विश्व में तनाव उत्पन्न कर दिया, पेरिस जलवायु संधि तोड़ी और नाटो देशों के सदस्यों को रक्षा की कीमत चुकाने पर सजा देने की धमकी दी। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि गैर चयनित, गैर जिम्मेदार और विश्व की नौकरशाही के समक्ष अमेरिका की सम्प्रभुता से समझौता नहीं करेंगे।

    अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को सीरिया में हमले का जिम्मेदार बताया लेकिन रूस का इससे कोई सम्बन्ध है या अमेरिकी चुनाव में मास्को ने हस्तक्षेप किया था इस पर चुप्पी साध राखी थी।

    हसन रूहानी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ईरान कि मंशा साफ़ है वह न युद्ध, न प्रतिबन्ध और न धमकी चाहते है। वे चाहते है कानून के दायरे में रहकर कार्य हो।

    राष्ट्रपति ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने एक समूह को सम्बोधित करते हुए कहा था कि ईरान से साल 2015 परमाणु संधि अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी कूटनीतिक पराजय थी। मई से वांशिगटन और तेहरान के रिश्तो में खटास आयी है।

    पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान ओपेक का सदस्य बना था। आगामी 5 नवंबर से ईरान पर बाकी प्रतिबन्ध भी लागू हो जायेंगे। ईरान से पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध लगाए थे। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग से ट्रम्प ने जून में सिंगापुर में मुलाकात की थी। दूसरी वार्ता के लिए मंसूबे बनाए जा रहे हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *