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    रिलायंस

    4 नवंबर से ईरान के ऊपर शुरू हो रहे अमेरिकी प्रतिबंधों की आंच से बचने के लिए भारत की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने भी ईरान से अपने तेल आयात को रोकने का निर्णय ले लिया है। गौरतलब है कि रिलायंस ने सितंबर माह में ही ईरान से 20 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की थी।

    खबरों के अनुसार 4 नवंबर के बाद अमेरिका ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने जा रहा है। अमेरिका के प्रतिबंध इराक और सीरिया में चल रहे युद्ध में ईरान के दखल के विरोध में लगाए गए हैं। इसी के तहत अमेरिका चाहता है कि ईरान अपनी बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को बंद कर दे।

    वहीं वेनेजुएला में तेल का उत्पादन पिछले 60 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है। वेनेजुएला में उत्पादन के ठप होने के चलते ही अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल के दामों में उछाल देखने को मिली है।

    रिलायंस के अनुसार ‘उसे अभी भी वेनज़ुएला से कच्चा तेल मिल रहा है, लेकिन वह जरूरत से बहुत कम है, वहीं ईरान से तेल की प्राप्ति अब शून्य हो गयी है, जिसके चलते अब रिलायंस पूर्व अरब के देशों से तेल खरीदने के विकल्प पर विचार कर रही है।’

    मालूम हो कि रिलायंस का कुछ व्यापार अमेरिका में भी है, ऐसे में अमेरिकी प्रतिबंधों को ना मानना रिलायंस के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं रिलायंस ने ये फैसला अपने वित्तीय सलाहकारों से बात करके ही लिया है।

    रिलायंस की गुजरात के जामनगर स्थित रिफाइनरी एक दिन में करीब 14 लाख बैरल तेल को प्रोसेस करती है। हाल ही में रिलायंस ने जुलाई-सितंबर की तिमाही को लेकर अपने मुनाफा प्रदर्शित किया है। रिलायंस के देश भर में 1300 से भी ज्यादा फ्युल स्टेशन हैं।

    इस वर्ष रिलायंस ने अपने कुल रिफाइंड उत्पादों का करीब 101 लाख टन निर्यात किया है, जबकि पिछले वर्ष ये आंकड़ा 112 लाख टन का था।

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