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    रूस के राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

    व्लामिदिर पुतिन ने कहा कि यदि अमेरिका ने रूस के साथ हुई इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स ट्रीटी को तोडा तो, मास्को प्रतिबंधित मिसाइल का निर्माण करेगा। बीबीसी न्यूज़ के मुताबिक रुसी राष्ट्रपति ने अमेरिका को धमकी दी है कि इस संधि को न तोड़े।

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस को परमाणु संधि के नियमों का पालन करने के लिए 60 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इस संधि के तहत यूरोप को मिसाइल मुक्त रखना चाहिए। अमेरिका ने इसे संधि का उल्लंघन बताया था। जर्मनी के नेतृत्व में नाटो के सदस्यों ने अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पेओ पर साल 1987 में हुई इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर संधि पर दोबारा कूटनीतिज्ञ तरीके से सोचने के लिए दबाव बनाया था।

    अमेरिका ने रूस पर इस संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था और कहा कि यदि 60 दिनों में कोई परिवर्तन नहीं दिखा तो छह माह की एक प्रक्रिया का आयोजन किया जायेगा जिससे अमेरिका इस संधि से बाहर निकलेगा।

    राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन ने डोनाल्ड ट्रम्प की आलोचना करते हुए कहा कि इस संधि को तोड़ने के लिए रूस पर संधि के उल्लंघन के इलज़ाम लगाये गए हैं। रुसी राष्ट्रपति ने बताया कि आईएनएफ ट्रीटी के तहत कई देश प्रतिबंधित मिसाइल का निर्माण करते हैं लेकिन अमेरिका और रूस साल 1987 में हुए समझौते के कारण बंधे हुए हैं।

    उन्होंने कहा कि हमारे अमेरिकी सहयोगी को अब हालात बदले हुए लगते हैं और वह सोचते हैं कि अब उन्हें भी हथियारों की जरुरत होगी। उन्होंने कहा कि इस हालात में रूस का जवाब क्या होना चाहिए? हम भी अमेरिका की तरह हथियारों का निर्माण करेंगे।

    नाटो के प्रमुख सचिव ने कहा कि हम रूस को माइक पोम्पेओ द्वारा लगाये इलज़ाम के बाबत सफाई पेश करने के लिए कहेंगे। माइक पोम्पेओ ने कहा कि रूस के पास एसएससी-8 मिसाइल है। उन्होंने कहा कि यह यूरोप को तबाह कर सकती है, रूस के ऐसे कदम अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए मुश्किलात पैदा कर सकते हैं।

    माइक पोम्पेओ ने कहा था कि अमेरिका ने रूस के साथ साल 2013 से लगभग 30 बार इस मसले को उठाया है लेकिन रूस के केवल इनकार और प्रतिकार ही जवाब में दिया है। माइक पोम्पेओ ने कहा कि अमेरिका ने ऐलान किया है कि रूस ने संधि का उल्लंघन किया है और हमारे दायित्वों को निरस्त किया है। उन्होंने कहा कि रूस के पास इस संधि का अनुपालन करने का केवल 60 दिनों का समय है।

    अमेरिका ने यूरोप में सैन्य संतुलन को वापस स्थापित करने का संकेत दिया है हालांकि इस पर अधिक जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि परिक्षण और तैनाती इन 60 दिनों तक रुकी रहेगी। यूरोप में अमेरिका की मिसाइल तैनाती से बेल्जियम और जर्मनी चिंतित है।

    यह संधि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के अंतिम नेता मिखाइल गोर्बाचेव के मध्य हुई थी। इस संधि के तहत अमेरिका ने पश्चिमी जर्मनी और ब्रिटेन से मिसाइल तैनाती हटा ली थी जबकि सोवियत संघ ने यूरोपियन रेंज से एसएस-20 को हटा लिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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