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    भारतीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

    अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की लगातार बढ़ती कीमतों के संबंध में आज देश के केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ा बयान दिया है।

    धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि देश के लिए ईरान से तेल आपूर्ति बंद हो जाने पर जरूरत का तेल खरीदने के लिए दूसरे देशों का रुख करना कोई संकट का विषय नहीं है, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान के रूप में देश का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश का खो जाना ही कच्चे तेल में दाम वृद्धि का असल कारण है।

    हालाँकि धर्मेंद्र प्रधान ने अभी मीडिया को यह स्पष्ट रूप से बताने से इंकार कर दिया है कि क्या तेल कंपनियां नवंबर के बाद भी ईरान से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेंगी?

    अभी पिछले हफ्ते ही पेट्रोलियम मंत्री ने यह स्पष्ट तौर पर कहा था कि देश की दो बड़ी तेल कंपनियां नवंबर के बाद भी ईरान से करीब 12.5 लाख तन कच्चे तेल की खरीद करेंगी।

    अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों में से कुछ प्रतिबंध 6 अगस्त से ही प्रभावी रूप से लागू हो गए हैं, जबकि तेल खरीद से संबन्धित अन्य सभी प्रतिबंध 4 नवंबर से प्रभावी हो जाएंगे।

    तेल क्षेत्र विशेषज्ञों का मानना है कि अभी अमेरिका इस डेडलाइन को 4 नवंबर से आगे खिसका सकता है।

    अभी सोमवार को ही देश की तमाम बड़ी तेल कंपनियों ने बयान जारी करते हुए कहा था कि ईरान पर प्रतिबंध लगने के बावजूद तेल कंपनियों ने अतिरिक्त तेल की खरीद का विकल्प सुरक्षित रखा है

    इसके पहले भारत ने वर्ष 2018-2019 के लिए 250 लाख टन कच्चे तेल की खरीद के लिए अनुबंध किया था, इसी के साथ भारत ने वर्ष 2017 में ईरान से 226 लाख टन कच्चा तेल खरीदा भी था।

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