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    सिल्क रोड

    अमेरिका ने शनिवार को इटली से चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना को वैधता न देने का आग्रह किया था। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि “इटली एक प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था और अत्यधिक निवेश गंतव्य है। इटली की सरकार को चीन की ढांचागत परियोजना को वैधता देने की जरुरत नहीं है।”

    रायटर्स के मुताबिक हाल ही में इटली के प्रधानमंत्री गिउसेप्पे कंटे ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ संधि पर दस्तखत किये थे। ख़बरों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 21 से 24 मार्च तक इटली की यात्रा कर सकते हैं।

    इटली के प्रधानमंत्री के अनुसार चीनी राष्ट्रपति की यात्रा दौरान इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है। अमेरिका ने इससे पूर्व भी इटली को इस प्रोजेक्ट का समर्थन न करने की चेतावनी दी थी।

    अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि “चीन की पहल से इटली की नागरिकों को कोई आर्थिक फायदा मिलना नामुमकिन है। हालाँकि यह वैश्विक स्तर पर इटली की छवि को लम्बे समय तक के लिए खराब कर सकती है।”

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत विश्व को रेलवे, बंदरगाह और अन्य बुनियादी ढांचों से जोड़ा जा रहा है, लेकिन इस परियोजना में शामिल कई राष्ट्र अब पीछे हटते दिख रहे हैं। मलेशिया ने चीन की परियोजना के तहत निर्मंधीन रेलवे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है।

    चीनी राष्ट्रपति को वापस परियोजना को पटरी पर लेन के लिए अप्रैल में एक मौका मिलेगा, जब वह दूसरे बीआरआई सम्मेलन के लिए अन्य नेताओं को रजामंद कर सकते हैं। सितम्बर में चीनी राष्ट्रपति ने अफ्रीकी राष्ट्रों से ‘महत्वकांक्षी परियोजनाओं’ को न लागू करने का वादा किया था। अमेरिकी बभी चीनी परियोजना की मुखालफत करता है, नवम्बर में आयोजित आसियान सम्मेलन में अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने कहा था कि “हम चीन को बेल्ट और वन वे रोड के निर्माण की इजाजत नहीं देंगे।”

    मलेशिया के आलावा चीन, पाकिस्तान, मालदीव श्रीलंका और कई अन्य देशों ने चीन की परियोजना को काफी महंगा बताया है। चीन के सदाबहार दोस्त पाकिस्तान ने भी हाल ही में सीपीईसी के तहत एक रेलवे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था। हालांकि पाकिस्तान चीनी कर्ज में फंसे होने से इनकार करता रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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