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    अफगानिस्तान में आम नागरिको की मौत

    संयुक्त राष्ट्र की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार अमेरिकी सैनिको, सरकार समर्थित सेनाओं और तालिबान व अन्य चरमपंथी गुटों ने आम नागरिकों की सबसे अधिक संख्या में हत्या की है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में हवाई अभियान में इजाफा किया है जबकि तालिबान के साथ शान्ति समझौते के लिए भी बातचीत कर रहा है। तालिबान का अब अफगानिस्तान के अधिकतम भागो पर नियंत्रण है और उन्हें साल 2001 में सत्ता से बेदखल किया गया था।

    हत्याओं में इजाफा

    यूनाइटेड नेशन मिशन इन अफगानिस्तान से रिपोर्ट में खुलासा किया कि “साल 2019 के शुरूआती महीनो में अंतर्राष्ट्रीय और सर्कार समर्थित सेनाओं ने 305 नागरिकों की हत्या की है जबकि चरमपपंथियों ने 227 लोगो को मौत के घाट उतारा है। इसमें से अधिकतर मौते हवाई हमले और जमीन पर खोजी अभियान के कारण हुई है जिसे प्राथमिक तौर पर अमेरिकी समर्थित अफगान सेना ने अंजाम दिया है।

    यूएनएएमए ने अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा सेना और अंतर्राष्ट्रीय सैन्य बल से नागरिक हताहत की जांच करने का आग्रह किया है। साथ ही इसके परिणाम को प्रकाशित करें और पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा मुहैया किया जाए। यूएनएएमए ने साल 2009 से नागरिक हताहत के आंकड़े जुटाना शुरू कर दिया है।

    अमेरिकी हवाई अभियान

    आंकड़ों के मुताबिक चरमपंथियों के मुकाबले सरकार समर्थित सेना अधिक नागरिकों की मौत के जिम्मेदार है। साल 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने सेना पर पाबंदियों को कम कर दिया था और इसने तालिबान के ठिकानों पर बमबारी करने के मार्ग को आसान कर दिया था।

    अन्य राष्ट्रों ने लॉजिस्टिकल और तकनीकी सहायता में योगदान दिया होगा लेकिन अमेरिकी एयरक्राफ्ट ने सबसे ज्यादा हवाई हमले किये हैं। हाल ही में अमेरिका ने विशाल बी-52 बॉम्बर भेजा था। यूएनएएमए की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 के शुरूआती तीन महीनो के मुकाबले इस वर्ष हताहत का आंकड़ा 23 फीसदी कम हुआ है।

    बीते वर्ष यूएनएएमए ने 1773 नागरिक हताहत की सूचना दी थी जिसमे 581 लोगो की मौत और 1192 लोग जख्मी थे। साल 2013 के बड़ा यह सबसे निम्नतम तिमाही का आंकड़ा था। आंकड़ों में कमी शायद फियादीन हमलो में कमी के कारण हुआ हो।

    यूएनएएमए के प्रमुख तदमीची यामामोटो ने कहा कि “आम नागरिकों की हत्या और घायल होने के आंकड़ों से आश्चर्यचकित हूँ। सभी पक्षों को नागरिकों की अधिक सुरक्षा को तवज्जो देनी चाहिए।” बीते वर्ष अफगानिस्तान में संघर्ष के दौरान 3804 लोगो की हत्या की गयी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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