Sat. Apr 20th, 2024
    बढ़ती महंगाई

    देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह बेहतर खबर सामने आई है। अक्टूबर माह में देश की खुदरा महँगाई दर में कमी दर्ज़ की गयी है।

    सितंबर माह में देश में खुदरा महँगाई दर 3.70 प्रतिशत थी, जबकि अक्टूबर महीने में यही दर 3.31 प्रतिशत दर्ज़ की गयी है।

    वहीं पिछले साल इसी दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) द्वारा खुदरा महँगाई की दर को 3.58 प्रतिशत रिकॉर्ड की गयी थी। मालूम हो कि CPI वही मूल्य पैमाना है, जिसे आरबीआई रिकॉर्ड करती है।

    केंद्रीय बैंक के आँकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए देश में खुदरा महँगाई जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.7 प्रतिशत, जनवरी-मार्च तिमाही में 4.8 प्रतिशत व अक्टूबर से मार्च के दौरान 3.8-4.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान था।

    यह भी पढ़ें: न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है मंडी में खरीफ फसलों के दाम, 43 प्रतिशत तक का है अंतर

    हालाँकि इन आँकड़ों के साथ ही मौद्रिक नीति समिति बैठक के दौरान आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि देश में खुदरा महँगाई को इस समय दवाब का सामना करना पड़ रहा है। पटेल ने केंद्र द्वारा हाल ही में बढ़ायी गयी एमएसपी की दर को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।

    वर्तमान में कम हुई खुदरा महँगाई दर को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार कच्चे के दामों में हुई कमी के साथ ही मजबूत होते रुपये से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

    देश में वर्तमान में सब्ज़ी के दामों में 0.06 प्रतिशत की बढ़त दर्ज़ की गयी है। जबकि पिछले महीने यह वृद्धि 4.15 प्रतिशत है। हालाँकि इस दौरान फलों के दामों में 0.35 प्रतिशत की कमी दर्ज़ हुई है।

    दाल के दामों में भी 10.28 प्रतिशत की कमी हुई है, जबकि पिछले महीने यह दर 8.58 प्रतिशत थी।

    इसी के साथ जानकारों का मानना है कि अगले आँकड़ों के साथ ही खुदरा महँगाई में और कमी देखने को मिल सकती है।

    यह भी पढ़ें: सरकार ने गेहूं समेत रबी की फसलों के लिए बढ़ाया न्यूनतम समर्थन मूल्य

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *