Fri. May 17th, 2024
अंगकोर वाट को मिला विश्व के 8वें अजूबे का खिताब

कंबोडिया का ऐतिहासिक और विश्व प्रसिद्ध मंदिर अंगकोर वाट को अब विश्व के 8वें अजूबे के रूप में मान्यता प्राप्त हो गई है। इस प्रतिष्ठित उपाधि को प्राप्त करने के लिए अंगकोर वाट ने इटली के प्राचीन शहर पोम्पेई को पीछे छोड़ दिया है। यह एक विशाल धार्मिक स्मारक और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो लगभग 500 एकड़ में फैला हुआ है।

अंगकोर वाट की स्थापना 12वीं शताब्दी में खमेर साम्राज्य के सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा की गई थी। यह मंदिर समर्पण और भव्यता का एक बेजोड़ उदाहरण है। अंगकोर वाट के विशाल परिसर में कई मंदिर, मीनारें और अन्य संरचनाएं शामिल हैं, जो सभी एक ही दिव्य शक्ति की पूजा करने के लिए समर्पित हैं।

मूल रूप से हिंदू भगवान विष्णु को समर्पित, यह बाद में एक महत्वपूर्ण बौद्ध मंदिर बन गया। मंदिर के मध्य भाग में कमल के आकार की पांच मीनारें हैं जो समरूपता दर्शाती हैं और हिंदू और बौद्ध मान्यताओं में एक पवित्र पर्वत का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसकी दीवारों पर विस्तृत नक्काशी हिंदू और बौद्ध इतिहास की कहानियों को दर्शाती है।

अंगकोर वाट को विश्व के 8वें अजूबे के रूप में मान्यता मिलना एक ऐतिहासिक क्षण है। यह उपाधि इस बात का प्रमाण है कि अंगकोर वाट न केवल कंबोडिया का बल्कि पूरे विश्व का एक खास और अद्वितीय स्थल है। इस मान्यता से अंगकोर वाट को और अधिक अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिलेगी और इससे कंबोडिया के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

अंगकोर वाट को विश्व के 8वें अजूबे के रूप में चुना जाना कंबोडिया के लोगों के लिए गर्व का विषय है। यह उपाधि कंबोडिया की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक प्रतिभा का प्रतीक है।

अंगकोर वाट की मान्यता के साथ ही कंबोडिया सरकार को अब इस खास स्थल के संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि अंगकोर वाट की भव्यता और सौंदर्य बरकरार रहे और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह एक अद्भुत स्थल बना रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *