Thu. Apr 25th, 2024
    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान को बताया अपना

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने शासित इलाके ताइवान में अपनी हुकूमत हटाने के खिलाफ बयान दिया है। शी जिनपिंग ने कहा कि ताइवान की आज़ादी एक आपदा बनकर उभर सकती है, इसक शांतिपूर्ण तरीके से एकीकरण करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे सुरों में कहा कि चीन ताइवान में बल का प्रयोग करना बंद नहीं करेगा।

    ताइवान की नीति की 40 वीं वर्षगांठ पर भाषण में शी जिनपिंग ने कहा कि एकीकरण चीन की वन-चीन सिद्धांत के तहत होना चाहिए, जिसमे तैवान चीन का भाग है। उन्होंने कहा तैवान के सभी लोगों को इस बात का भान होना चाहिए कि ताइवान की आज़ादी उनके लिए खुद ढूंढी हुई आपदा हो सकती है।

    शी जिंगपिंग ने कहा कि हम शांतिपूर्ण एकीकरण के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हम किसी भी तरीके की अलगाववादी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम बल का इस्तेमाल न करने का वादा नहीं करेंगे और सभी आवश्यक कदम को उठाने का विकल्प सुरक्षित रखेंगे।

    चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि यह चीन का आंतरिक मसला है और बाहरी दखल की वह अनुमति नहीं देता है। चीनी नेशनलिस्ट फाॅर्स गृह युद्ध हारने के बाद दिसम्बर 1949 में ताइवान में प्रवेश कर गयी थी। जबकि आज दोनों मुल्कों ने व्यापार, संस्कृतिक और निजी जुड़ाव पर रोक लगा रखी है। लोकतांत्रिक ताइवान निरंकुश चीन की हुकूमत पर चलने की मंशा कतई नहीं रखता है।

    राष्ट्रपति ने साल 2016 में राष्ट्रपति पद संभाला था, तभी से चीन ताइवान पर अपनी हुकूमत कबूलने का दबाव बनता रहा है। ताइवान की राष्ट्रपति चीन की मुखर आलोचक रही है, उन्होंने कहा कि इन चुनाव नतीजों को चीन अपनी राजनीतिक रणनीतियों और अफवाहों से प्रभावित करने की कोशिश करेगा। चीन ने इन आरोपों को खारिज किया है।

    हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ताइवान में पत्रकारों, नागरिकों और अन्य कूटनीतिज्ञों की आवाजाही से सम्बंधित एक कानून पर हस्ताक्षर किये थे। जिसके तहत सभी बेरोकटोक ताइवान में घूम सकते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *