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    रोहिंग्या शरणार्थी

    भशन चार एक छोटा और अवसादन द्वीप है जो चक्रवात और बाढ़ के लिए कुख्यात है। बांग्लादेश ने बुधवार को कहा कि “वह 10 हज़ार रोहिंग्या शरणार्थियों को अगले माह भीड़भाड़ वाले शिविरों से द्वीप में विस्थपित कर देगी।” संयुक्त राष्ट्र और दक्षिणपंथी समूहों ने इस योजना के खिलाफ प्रतिक्रिया जाहिर की है।

    भशन चार को एक तैरता हुआ द्वीप कहते हैं, जो 20 वर्ष पूर्व बंगाल की खाड़ी से निर्मित होना शुरू हुआ था।

    ह्यूमन राईट वाच के नक़्शे के मुताबिक यह द्वीप ज्वार से घिरा हुआ है, जो दर्शाता है कि मानसून के दौरान के यहां बाढ़ आती है। बांग्लादेश 100000 रोहिंग्या मुस्लिमों को 1140 इमारतों में बसाने पर विचार कर रहा है। बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में तक़रीबन 10 लाख रोहिंग्या मुस्लिम जीवन यापन कर रहे हैं।

    बांग्लादेशी के मंत्री ने कहा कि “हम इस प्रक्रिया को अगले माह से शुरू कर देंगे क्योंकि द्वीप का निर्माण कार्य खत्म हो चुका है। कॉक्स बाजार जिले में सरकारी अधिकारी कमल होसैन ने कहा कि “शरणार्थियों की सूची तैयार की जा रही है जिन्हे द्वीप पर विस्थापित करना है।”

    क्या भशन चार रहने योग्य हैं?

    बांग्लादेश के तटीय क्षेत्र चक्रवात के चपेट में हैं। बीते 50 वर्षों से बांग्लादेश में चक्रवात के कारण हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं, इसमें से अधिकतर तटीय इलाके के थे। म्यांमार में यूएन के विशेष दूत यांगही ली ने बताया कि “द्वीप पर यात्रा के बावजूद कई पहलुओं से मैं वाकिफ नहीं हो पाया हूँ। यह विस्थापन की तीसरी योजना है और यह विस्थापन बिना शरणार्थियों की चिंताओं को समझकर किया जा रहा है। इसमें एक एक नए संकट को उत्पन्न करने की क्षमता दिखती है।”

    एक स्थानीय पत्रकार शेहेद शफ़ीक़ ने कुछ माह पूर्व द्वीप पर यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि “यह द्वीप कतई रहने योग्य नहीं है। यह द्वीप कही से भी रहने लायक नहीं है और यहां तक की अधिक ज्वार के दौरान नयी निर्मित सड़के भी पानी के अंदर होती है। यह द्वीप बंगाल की खाड़ी पर स्थित है और मेनलैंड के काफी दूर है।

    रोहिंग्या शरणार्थियों ने योजना को ठुकराया

    भशन चार
    भशन चार नामक द्वीप पर निर्मित इमारत

    कई रोहिंग्या शरणार्थी विस्थापित नहीं होना चाहते हैं और कार्यकर्ताओं को डर है कि बांग्लादेशी सरकार उनके साथ जबरदस्ती करेगी। जर्मनी में रहने वाले रोहिंग्या कार्यकर्ता नैय सन ल्विन ने बताया कि “जब से विस्थापन योजना का खुलासा हुआ है, अधिकतर शरणार्थियों ने विस्थापित होने की अनिच्छा जताई है। मैंने रोहिंग्या शरणार्थियों के कई प्रतिनिधियों से बात करने की कसाहिश की लेकिन कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।”

    कॉक्स बाजार में रोहिंग्या मुस्लिम अंसारुल्लाह अरमान ने कहा कि “विभागों ने शिविरों में विस्थापित होने की इच्छा के बाबत पूछा था लेकिन सभी ने शिविर छोड़ने से इंकार कर दिया था। अगर वे हमें जबरन भेजेंगे तो हम प्रदर्शन करेंगे।”

    म्यांमार से बेहतर कुछ है?

    कॉक्स बाजार में रोहिंग्या प्रतिनिधि नुरुल इस्लाम ने कहा कि “कुछ शरणार्थियों ने म्यांमार वापस जाने की बजाये द्वीप में विस्थापित होने के लिए हामी भरी है। बिना नागरिकता के हम वापस म्यांमार नहीं लौटेंगे। उन्होंने हमें बुरी तरह प्रताड़ित किया इसलिए हमने म्यांमार छोड़ दिया। उन्होंने हमारे रिश्तेदारों की हत्या की और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया। बिना सुरक्षा के म्यांमार लौटने से अच्छा है कि हम द्वीप में गुजर बसर करें।”

    अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार को कॉक्स बाजार में बांग्लादेश अधिकारीयों से द्वीप की अधिकतर जानकारी के लिए मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि “शरणार्थियों को उनकी इच्छा के मुताबिक ही विस्थापित किया जाएगा, यह सहमति पर आधारित होगा। जो शरणार्थी द्वीप में जाते हैं उनका कॉक्स बाजार में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों से संपर्क रहेगा।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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