Mon. May 20th, 2024
जमाल खशोगी

सऊदी अरब ने गुरूवार को पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच की मांग को ख़ारिज कर दिया है।उन्होंने कहा कि वह आरोपियों को न्यायिक जांच में लेकर आने में सक्षम है। सऊदी अरब के प्रतिनिधि दल के प्रमुख जिनेवा में यूएन मानव अधिकार बैठक के समक्ष अपनी बात रख रहे थे।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “उनका देश इस बर्बर अपराध की गुत्थी सुलझाने के लिए हर जरुरी कदम उठा रहा है।” सऊदी अरब के मानव अधिकार परिषद् के नेतृत्व कर रहे बांदर अल ऐबान ने कहा कि “जांच को अंतर्राष्ट्रीय बना देना, हमारे घरेलू मसलों में दखलंदाज़ी होगी।”

जिनेवा में ऐबान अपने देश की प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे थे। जमाल खशोगी की हत्या के बाद सऊदी अरब की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी। बीते हफ्ते 36 देशों ने संयुक्त बयान में इस हत्या की जांच की मांग की थी। सऊदी अरब ने खाशोगी की हत्या के पीछे कपटी एजेंटो का हाथ बताया था और सल्तनत की सरकारी अभियोक्ता ने इस हत्या के लिए 11 लोगों पर आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा कि “संदिग्ध निष्पक्ष सुनवाई के हकदार है और इनमे से किसी के मनाव अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है। उनके साथ किसी भी प्रकार की कोई भी क्रूरता नहीं की गयी है और न ही अमानवीय व्यवहार किया गया है। वे कानूनी परिषद् की प्रक्रिया के हकदार है और उन्हें जांच प्रक्रिया और सुनवाई के दौरान सुरक्षा परिषद् की सुविधाएं लेने के अधिकार के बाबत भी जानकारी दे दी गयी है।”

उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय संघठनो के प्रतिनिधि, एनजीओ और अन्य स्टेकहोल्डर निगरानी रखने के लिए और अदालत में मामले की सुनवाई पर नज़र रखने के सक्षम हैं। लेकिन सऊदी अरब न्यायिक प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय जानकारों को शामिल करने या प्रक्रिया की देखरेख करने की सिफारिश को स्वीकार नहीं करेगी।”

उन्होंने कहा कि “सऊदी अरब एक संप्रभु देश है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ऐसी मांग हमारी प्रक्रिया और स्वतंत्र न्यायतंत्र पर संदेह करने के समान है।”

जमाल खशोगी मामला

जमाल खशोगी एक सऊदी अरब के पत्रकार थे, जो सऊदी अरब के राजा के प्रति कड़ी भाषा में लेख लिखते थे। जमाल सऊदी में हो रहे अन्याय के खिलाफ अंतराष्ट्रीय मीडिया में आवाज उठाते थे।

सऊदी अरब में जब जमाल पर कार्यवाई की गयी, तो उन्होनें अपना देश छोड़कर तुर्की में शरण ले ली थी। 2 अक्टूबर 2018 को जमाल खशोगी कुछ जरूरी कागजात हासिल करने के लिए तुर्की में स्थिति सऊदी अरब की एम्बेसी में गए थे।

सऊदी अरब की एम्बेसी में जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जांच में पाया गया था कि सऊदी अरब से एक विशेष दल इस काम के लिए आया था।

जमाल की हत्या के बाद पुरे विश्व में सऊदी अरब की किरकिरी हुई थी। अमेरिका नें सऊदी अरब से सारे सम्बन्ध तोड़ने की धमकी दे दी थी।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *