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    गंगा एक्सप्रेसवे

    उत्तरप्रदेश में एक्सप्रेसवे का विकास सबसे तेजी से हो रहा है। जब मायावती मुख्यमंत्री थी तो उन्होंने अपने कार्यकाल में आगरा और नॉएडा के बीच ट्विन-एक्सप्रेसवे बनवाये, उसके बाद अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में आगरा से लखनऊ तक का एक्सप्रेसवे बनवाया। उनके बाद अब मुख्यमंत्री योगी भी इसी में लगे हुए है।

    यूपी में होंगे 8 नए एक्स्प्रेसवे:

    2022 में योगी का कार्यकाल समाप्त होने तक, यूपी को आठ एक्सप्रेसवे क्राइस-क्रॉसिंग के नेटवर्क द्वारा कवर किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार इन एक्सप्रेसवे की लम्बाई 2500 किलोमीटर होगी। और गंगा एक्सप्रेसवे वर्तमान में मेरठ से प्रयागराज तक 596 किलोमीटर तक फैला हुआ है, लेकिन यह 1,000 किलोमीटर के निशान को पार कर सकता है क्योंकि सरकार की योजना इसे उत्तराखंड में हरिद्वार के साथ राज्य की उत्तर-पश्चिमी सीमा तक और दूसरे चरण में दक्षिण पश्चिम से बिहार तक फैलाने की है।

    यूपी में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे :

    योगी सरकार ने यूपी में एक्सप्रेसवे की विभिन्न परियोजनाओं में से एक गंगा एक्सप्रेसवे की परियोजना को भी मंजूरी दी है। 600 किलोमीटर के साथ यह विश्व का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा।

    गंगा एक्सप्रेसवे के बारे में जानकारी :

    कबिनेट मीटिंग में निर्णय किया गया है की इस एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई 600 किलोमीटर होगी जोकि मेरठ से प्रयागराज तक बनेगा। इसके बन्ने में 36000 करोड़ की लगत को मंजूरी मिली है और इसमें कुल 6556 ज़मीन का प्रयोग किया जाएगा।

    प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ-अमरोहा-बुलंदशहर-बदायूँ-शाहजहाँपुर-कन्नौज-उन्नाव-रायबरेली-प्रतापगढ़ से होते हुए आखिर में प्रयागराज में समाप्त होगा। प्रयागराज को पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था।

    बजट से किया 100 करोड़ का आवंटन :

    इसके अलावा योगी सरकार ने हालिया बजट से आगरा से लखनऊ के बीच के एक्सप्रेसवे  के विकास के लिए इस साल के बजट से 100 करोड़ रुपयों का आवंटन किया है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की लागत लगभग 23,000 करोड़ रुपये है, जबकि गंगा एक्सप्रेसवे के पहले चरण में लगभग 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। अन्य एक्सप्रेसवे की योजना के साथ संयुक्त, यूपी को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन सरकार को यह यकीन है की परियोजना से मिलने वाला लाभ इसमें आने वाले खर्च से ज्यादा होगा।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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