Wed. Apr 24th, 2024
    hongkong's police

    चीन (China) के विदेशी मामलो के उपमंत्री ज़हाँग जूं ने सोमवार को कहा कि “चीन जी-20 के समूहों को इस सप्ताह के आयोजन में हांगकांग (Hong Kong) के मामले पर चर्चा करने की अनुमति नहीं देगा।” विवादित प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ हांगकांग की सड़कों पर लाखों की तादाद में लोगो ने प्रदर्शन किया था।

    इस विधेयक के मुताबिक हांगकांग से अपराधियों को अदालत में सुनवाई के लिए चीन भेजा जा सकता है लेकिन जनता ने इसका पुरजोर विरोध किया था। यह दशकों में सबसे हिंसक प्रदर्शन था जब पुलिस ने भीड़ को तीतर बितर करने के लिए रबर गोलियों की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे थे।

    इस प्रत्यर्पण बिल और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई ने हांगकांग की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण पंथी समूहों ने आलोचना की थी। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस सप्ताह जापान के ओसाका में आयोजित जी-20 सम्मेलन में मुलाकात करेंगे।

    विश्व को आर्थिक महाशक्तियों के बीच व्यापार तनाव चल रहा है। ज़हाँग ने कहा कि “मैं यकीन से यह कह सकता हूँ कि जी-20 में हांगकांग के मामले पर चर्चा नहीं होगी। हम हांगकांग के मामले पर चर्चा की अनुमति नहीं देंगे।”

    उन्होंने कहा कि “हांगकांग एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हैं। हांगकांग का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है। किसी भी विदेशी मुल्क का इसमें दख़लअंदाज़ जा कोई अधिकार नहीं है। न ही स्थान से फर्क पड़ता है और न ही तरीके से, हम किसी भी देश या व्यक्ति को चीन के आंतरिक मामले में दखलंदाज़ी की अनुमति नहीं देते हैं।

    इस नए प्रत्यर्पण बिल का मकसद कानूनी संरक्षण और अधिकारों को खत्म करना था जो उन्हें ब्रितानी उपनिवेश हुकूमत द्वारा चीनी हुकूमत को साल 1997 में सौंपते वक्त दिए गए थे। इस बिल का अधिकतर विरोध हांगकांग के कारोबारी समूह ने किया था जो आम तौर पर राजनीति पर तटस्थ रहते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *