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    ढाका, 15 जून (आईएएनएस)| प्राकृतिक विश्व विरासत पर आधिकारिक सलाहकार संगठन ने सुंदरवन को ‘खतरे में प्राकृतिक स्थलों’ की सूची में शामिल करने का सुझाव दिया है, क्योंकि बांग्लादेश ने जंगल के पास ही कोयला चालित बिजली संयत्र परियोजना का काम जारी रखा है।

    बीडी न्यूज24 ने शनिवार को सूचना दी कि प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) 30 जून से 10 जुलाई तक अजरबैजान में होने वाले अपने वार्षिक बैठक में इस सिफारिश पर निर्णय लेने के लिए 21 सरकारों की विश्व विरासत समिति का निर्धारण किया गया है।

    साल, 2017 के जुलाई में यूनेस्को ने सुंदरवन को खतरे में धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने की योजना वापस ले ली थी।

    विश्व धरोहर केंद्र के लिए दुनिया के सबसे बड़े मैनग्रोव जंगल के संरक्षण पर रिपोर्ट के लिए सरकार को दिसंबर, 2018 तक की अनुमति थी।

    मार्च 2016 में केंद्र और आईयूसीएन द्वारा संयुक्त रूप से संचालित एक प्रक्रियाशील निगरानी मिशन की ओर से बारीकी से सिफारिशें की गईं, जिनमें दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र के लिए एक रणनीतिक पर्यावरण मूल्यांकन की जरूरत भी शामिल थी।

    इस मिशन के बाद विश्व धरोहर समिति ने रामपाल पावर प्लांट परियोजना निरस्त करने और इसे कहीं और स्थानांतरित करने की बात कही थी।

    यूनियन ने कहा कि इस परियोजना को स्थानांतरित करने की बात कही जाने के बाद भी इसका निर्माण जारी रहा और सुदंरवन पर इसके प्रभावों का आकलन भी नहीं किया गया।

    आईयूसीएन के मुताबिक, पायरा नदी पर भी दो अतिरिक्त कोयला चालित विद्युत संयंत्र का निर्माण किया जा रहा है जो सुंदरवन के पास खाड़ी में बहती है।

    इसमें यह भी कहा गया कि इनके अलावा भी साइट पर 150 से अधिक ओद्योगिक परियोजनाएं सक्रिय हैं और उनसे संबंधित शिपिंग और ड्रेजिंग गतिविधियों से आगे चलकर इलाके की जलवायु और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर सकती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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