केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह केरल सरकार और राज्य में सभी समान विचारधारा वाले ऐसे दलों के साथ हाथ मिलाएगी, जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दो सदनों द्वारा पारित किए जाने के बाद इसे राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी गई। इसलिए अब यह कानून बन चुका है।
यहां मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता और कांग्रेस के दिग्गज नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि वह अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका के अलावा सीएए पर अन्य सभी पक्षों के साथ बातचीत करेंगे।
चेन्निथला ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन से यह कह रहा हूं कि भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के खिलाफ संयुक्त लड़ाई लड़ी जानी चाहिए, जो देश को विभाजित करने के आरएसएस के एजेंडे का पालन कर रहा है। इसी तरह मैं सभी राजनीतिक दलों के साथ बात करूंगा, ताकि केरल इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से ध्यान दे सके।”
विजयन ने गुरुवार को अपना इरादा पहले ही स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने इसे ‘असंवैधानिक’ बताते हुए कहा था कि यह अधिनियम केरल में लागू नहीं किया जाएगा।
राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) भी जल्द ही बैठक कर यह तय करने वाला है कि सीएए के खिलाफ किस तरह का विरोध प्रदर्शन होना चाहिए।
केरल की 3.3 करोड़ की आबादी में मुसलमानों की संख्या लगभग 20 फीसदी और ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या 18 फीसदी है।