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    बीते साल 2019 में 56 पत्रकारों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है, वहीं इनमें से अधिकांश की मौत संघर्ष क्षेत्र के बाहर हुई है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक द्वारा सोमवार को यूनेस्को के आंकड़ों के बारे में बताए जाने के दौरान उनके बयान का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जानकारी दी कि साल 2018 के मुकाबले इन संख्याओं में आधी गिरावट आई है, हालांकि अपराधियों ने अपनी सजा की माफी का पूरा आनंद लिया है।

    यह आंकड़े सोमवार को ‘यूनेस्को ऑब्जर्वेटरी ऑफ किल्ड जर्नलिस्ट’ में प्रकाशित किया गया था।

    2010 से 2019 के दशक में यूनेस्को ने अब तक कुल 894 पत्रकारों के मारे जाने की संख्या दर्ज की है, इसका सालाना औसतन प्रतिवर्ष 90 प्रतिशत है। साल 2018 में मारे गए पत्रकारों की संख्या 99 थी।

    दुनिया के जिन क्षेत्रों में पत्रकारों की हत्या की गई, उसमें लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्रों में 22 हत्याएं दर्ज हैं, जो कि सबसे अधिक संख्या है, वहीं एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में 15, और अरब राज्यों में यह संख्या 10 है।

    यूनेस्को ने कहा, “आंकड़े बताते हैं कि न सिर्फ हिंसक संघर्ष को कवर करने पर पत्रकारों को सबसे अधिक खतरा होता है, बल्कि स्थानीय राजनीति, भ्रष्टाचार और अपराध पर रिपोर्टिग करते समय भी उन्हें निशाना बनाया जाता है, यहां तक की उनके अपने गृहनगर में भी उन्हें खतरा रहता है।”

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