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    शेयर बाजार

    अपडेट 4:30 PM

    आज बाज़ार बंद होने पर सेंसेक्स 2.25% की गिरावट के साथ 792.17 अंक फिसल गया। जिसके बाद बीएसई का सेंसेक्स 34376.99 अंकों के नए न्यूनतम रिकॉर्ड पर आकर बंद हुआ।

    वहीं दूसरी ओर निफ्टी को भी बाज़ार से तगड़ा झटका लगा है। जिसके बाद निफ्टी 2.67% की गिरावट के साथ 282.80 अंक टूट कर 10316.45 अंकों पर आकर बंद हुआ है।

    हालाँकि आरबीआई अपनी द्विमासी बैठक में बाज़ार के हालातों को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए उसे 6.5% पर ही रखा है।

    इसी के साथ रुपये ने डॉलर के मुक़ाबले अपनी कीमत का नया न्यूनतम रिकॉर्ड बना डाला है। डॉलर के मुक़ाबले रुपया और भी कमजोर प्रदर्शन करते हुए 74 रुपये प्रति डॉलर से भी नीचे आ गया है।


    अपडेट 1:20 PM

    फिलहाल निफ्टी 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 165.35 अंक टूट कर 10433.90 अंकों पर है। निफ्टी आज 10514.10 अंक पर खुला था।

    इसी के साथ सेंसेक्स फिलहाल 1.38% गिर कर 484.18 अंकों के नुकसान के साथ 34684.98 अंकों पर है। सेंसेक्स आज 35097.99 अंकों के साथ खुला था।


    गुरुवार को बाज़ार में इक्विटि बेंचमार्क सूचकांक के 2 फीसदी से भी ज्यादा गिरने पर भारतीय घरेलू बाज़ार में भूकंप आ गया है।

    बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज का सेंसेक्स अपनी पिछले आठ महीनों की सबसे बड़ी गिरावट के तहत 2.24% का गोता लगते हुए 806.47 प्रतिशत अंक नीचे गिरा है। इसी के साथ सेंसेक्स 35,169.16 अंकों पर आ पहुंचा है।

    वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज का निफ्टी भी 2.39 प्रतिशत की गिरावट को दर्ज़ करता हुआ 259 अंक टूट कर 10,599.25 प्रतिशत पर बंद हुआ है।

    निफ्टी के रिलायंस मोटर्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस और गेल सहित कई स्टॉक को भारी नुकसान पहुंचा है।

    हालाँकि आरबीआई अभी इसे लेकर अपनी बैठक करने जा रही है, उसके बाद बाज़ार का मूड क्या रहता है ये देखना होगा।

    रुपये की स्थिति : रुपये ने फिर से अपना एक नया निम्नतम स्तर छू लिया है, जिसके बाद रुपया 73.77 रुपये प्रति डॉलर की कीमत पर आ गया है। डॉलर इस वक़्त लगभग सभी वैश्विक मुद्राओं से ऊपर है।

    ज्ञात हो कि हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ने अपनी दरें बढ़ा दी थी, जिसके बाद डॉलर सभी वैश्विक मुद्राओं की तुलना में और मजबूत होता गया।

    खास तौर पर एशियाई मुद्रायें इस वक़्त अधिकाधिक संकट में नज़र आ रहीं हैं।

    तेल भी है महंगा : अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भी कच्चे तेल की कीमतें अभी आसमान छू रहीं है, इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल 86 डॉलर प्रति बैरेल की दर से मिल रहा है। जिसकी वजह से भारत जैसे देश की अर्थव्यवस्था को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

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