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    उइगर मुस्लिम

    चीनी अधिकारीयों ने मंगलवार को कहा कि “शिनजियांग इलाके में स्थित पुनार्शिक्षा शिविरों से अधिकतर लोगो ने केन्द्रों को छोड़ा है और नौकरियों की तलाश की है।” हालाँकि उन्होंने आंकड़ो को मुहैया नहीं किया है। शिनजियांग ने जानकार और मानव अधिकार समूह ने कहा कि 10 लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यको को शिविरों में कैद करके रखा गया है।

    शिनजियांग के पुनार्शिक्षा शिविर

    शिनजियांग के वाईस चेयरमैन अल्केन तुनिअज़ ने पत्रकारों से कहा कि “अधिकतर लोग जिन्होंने शिक्षण प्रशिक्षण हासिल कर लिया है, वह समाज में वापस चले गए हैं और अपने घर लौट गए हैं। अभी अधिकतर ने अपनी पढ़ाई मुकम्मल कर ली है और रोजगार ढूंढ लिया है।”

    शुरुआत में उइगर मुस्लिमो के अस्तित्व को ख़ारिज करते हुए बीजिंग ने सार्वजानिक स्तर पर इसका कबूल किया था। वोकेशनल एजुकेशन सेंटर को धार्मिक चरमपंथ और रोजगार को बढाने के लिए जरुरी कदम है। एक प्रेस कांफ्रेंस में  बीजिंग ने इन केन्द्रों को प्रभावी बताया था।

    शिनजियांग के चेयरमैन शोहरत जाकिर ने कहा कि “एक या दो सालो के प्रयासों के बाद प्रशिक्षण केन्द्रों के अधिकतर लोगो ने समाज की तरफ वापसी की है। 90 फीसदी से अधिक ने नौकरियों को ढूंढ लिया है। केन्द्रों का मकसद तीन विषयों के बाबत पढ़ना था, चीनी कानून, भाषा और धर्म की सही परिभाषा। हमने उन्हें बताया कि कैसे कानून के संरक्षण में सामान्य धार्मिक गतिविधियों को किया जाता है।”

    पूर्व बंधको के मुताबिक, इस्लामिक परम्पराओं मसलन लम्बी दाढ़ी और चेहरा ढकने के कारण उन्हें बंदी गृहों में रखा गया था। कजाख के कारोबारी जिन्होंने इस शिविर में दो महीने व्यतीत किये थे, कहा कि इस केंद्र का एक ही मकसद था, धार्मिक आस्था को खत्म कर देना।

    कैदियों को हर सुबह देशभक्ति गीत गाने के लिए मजबूर किया गया था और सूअर का मीट खाने को मजबूर किया जाता है। यह इस्लाम के धार्मिक पाबंदियों का उल्लंघन है। निष्कासित वैश्विक उइगर कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि “उइगर को हाशिये पर रखा गया था और उनकी संस्कृति व पहचान को ख़त्म किया जा रहा है।”

    चीनी अधिकारीयों ने बीते 70 वर्षों में अधिकतर समय शिनजियांग की अर्थव्यवस्था की सफलता के कसीदे पढने में व्यतीत किया था। इसमें सकल घरेलू उत्पाद, आय और सुधारत्मक ढाँचे के बाबत बताया गया था। साल 2012 से 2018 तक बीजिंग ने शिनजियांग सरकार को 23 अरब डॉलर की सब्सिडी मुहैया की थी।

    चीन के अन्य इलाको ने शिनजियांग में भारी निवेश किया है। जाकिर के मुताबिक साल 2018 के अंत तक 19 प्रान्तों और शहरो ने 103.5 अरब डॉलर की रकम का आवंटन किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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