Thu. Apr 18th, 2024
    चंदा कोचर आईसीआईसीआई

    बीते गुरुवार को चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है, अब उनकी जगह संदीप बक्शी को सीईओ बनाया गया है।

    चंदा कोचर इसके पहले अनिश्चितकालीन अवकाश पर थी। चंदा कोचर ने वीडियोकॉन लोन मामले में नाम आने के बाद ये पद छोड़ा है।

    क्या है वीडियोकॉन मामला?

    चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होने इलेक्ट्रिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी वीडियोकॉन को बैंक द्वारा लोन देने के लिए कई नियमों को ताक पर रख दिया। बाद में वीडियोकॉन द्वारा लोन न चुका पाने की दशा में उस लोन को एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) घोषित कर दिया गया।

    एनपीए से तात्पर्य है कि अब इस लोन को रिकवर नहीं किया जा सकता है तथा इस लोन बैंक के घाटे के रूप में दर्शाया जाएगा।

    मालूम हो कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की हिस्सेदारी वाली वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपये का ये लोन 2012 में दिया गया था।

    आईसीआईसीआई द्वारा वीडियोकॉन को दिये गए लोन के 86% हिस्से का भुगतान अभी भी बाकी है।

    इसी के साथ ही चंदा पर अपने पति के छोटे भाई राजीव कोचर की कंपनी अविस्टा एडवाइजरी को भी लोन देने का आरोप है।

    कौन हैं दोषी?

    इसके आरोप चंदा कोचर और उनके परिवार पर लगाए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी की सहायता करने के लिए बैंक के नियमों की कतई परवाह नहीं की।

    घटना सामने आने के ठीक बाद सीबीआई और नियामक एजेंसी सेबी इस पूरे घटनाक्रम में बैंक द्वारा हुई चूक की जाँच के लिए सामने आ गयी थी।

    आईसीआईसीआई के प्रबंधन बोर्ड ने इस घटना की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज बीएन श्रीकृष्णा के नेतृत्व में एक पैनल का गठन किया था।

    इसी साल 30 मई को चंदा कोचर जांच पूरी होने तक अनिश्चितकालीन अवकाश पर चली गईं थी।

    आईसीआईसीआई पर चंदा कोचर का कितना प्रभाव था?

    चंदा कोचर बैंक की प्रबंधन संबन्धित सभी गतिविधियों पर नज़र रखती थीं। चंदा को सीईओ पद केवी कामथ की जगह मिला था।

    चंदा के नेतृत्व में बैंक ने बेहतर प्रदर्शन किया। एक ओर जहां बैंक की शेयर हमेशा अच्छी स्थिति में रहे वहीं दूसरी ओर बैंक की संपत्ति और व्यापार के दायरे में भी लगातार इजाफा हुआ।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *