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    कुम्भ मेले में एयरबोट

    जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने हाल ही के बयान में बताया की सरकार जल्द ही कुंभ मेले के लिए वाराणसी से प्रयागराज के लिए हवाई सेवा उपलब्ध कराएगी। इससे यात्रियों को यात्रा करने में आसानी होगी।

    26 जनवरी से शुरू होगी सेवा :

    प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार यह सेवा 26 जनवरी 2019 से यात्रियों के लिए शुरू की जायेगी। इसके शुरू होने के बाद यह कुंभ मेले के पर्यटकों और भक्तों को दो शहरों में आसानी से यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगा।

    एयरबोट के बारे में जानकारी :

    कुम्भ मेला एयरबोट सुविधा

    एयरबोट जलमार्ग परिवहन का एक लोकप्रिय साधन है जो एक विमान जैसे रोटर द्वारा संचालित है और एक विमान या एक स्वचालन इंजन द्वारा संचालित है। यह पानी में तेज़ यात्रा की सुविधा देता है।

    गडकरी ने एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि एयरबोट रूसी सरकार द्वारा एक तकनीक का परिणाम है। एयरबोट में एक वाहन का इंजन होगा और एक बार में 16 लोगों को ले जाने में सक्षम होगा। यात्रा के दौरान, यह प्रति घंटे 80 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है और केवल 10 सेंटीमीटर की एक निश्चित गहराई की आवश्यकता होती है।

    कुम्भ मेले के बारे में जानकारी :

    कुंभ मेला उत्सव 15 जनवरी, 2019 को प्रयागराज में शुरू होगा और देश दुनिया की सबसे बड़ी आध्यात्मिक सभा आयोजित करने के लिए कमर कस रहा है। अर्द्ध कुंभ मेला हर साल चार शहरों- हरिद्वार, प्रयाग, नासिक और उज्जैन में रोटेशन में आयोजित किया जाता है। गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि विभिन्न नागरिक निकाय के अधिकारियों को वाहनों के लिए जैव ईंधन का उपयोग करना चाहिए ताकि वे औरों के लिए एक उदाहरण बनें।

    16 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का इंतजाम

    जानकारों की मानें तो चुनावी वर्ष होने के कारण इस बार कुंभ मेले में भारी भीड़ के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। अर्ध कुंभ में अब तक अनुमानित 12 करोड़ श्रद्धालुओं आए हैं। ऐसे में इस बार और अधिक भीड़ के कुंभ मेले में आने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में इस भीड़ को मेला आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसलिए राज्स व केंद्र सरकार दोनो ने ही हर संभव सुविधा देने का प्रयास किया है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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