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    women bill

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कांग्रेस शासित राज्यों और जिन सरकारों में कांग्रेस सहयोगी भूमिका है उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर महिला आरक्षण बिल का समर्थन करने को कहा है।

    गौरतलब है कि महिला आरक्षण बिल में लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है।

    राहुल गाँधी ने अपने पत्र में लिखा कि “महिला आरक्षण बिल से लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिलाओं के लिए एक तिहाई हिस्सा सुरक्षित होगा। हम इस बिल पर आपके सहयोग की अपेक्षा करते हैं।”

    कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में लिखा “संसद में महिलओं के प्रतिनिधित्व के मामले में भारत 193 देशों की सूची में 148 वें स्थान पर है। राज्य विधानसभा में और भी बुरी स्थिति है। हमारी राजनीति में महिलाओं के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की कमी हमारे लोकतंत्र को कमजोर करती है और मौजूदा व्यवस्थित अन्याय को कायम रखती है। स्थानीय स्व-शासन के संस्थानों में महिलाएं न केवल प्रभावी नेता हैं बल्कि परंपरागत लिंग भूमिकाओं को भी चुनौती दी है जो सार्वजनिक जीवन में उनकी भागीदारी को कम करते हैं।”

    इस मसले पर बिल 2010 में राज्यसभा में पास किया गया था लेकिन जब लोकसभा में इस बिल को पास कराने की बारी आई तो बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी ने इस बिल का विरोध किया। बसपा चाहती थी कि इस बिल में दलित और पिछड़ी महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान हो। चूँकि उस वक़्त यूपीए एक गठबंधन की सरकार थी तो ये बिल लोकसभा में लटका रह गया। जेडीयू नेता शरद यादव ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा था कि इस बिल के पास हो जाने से संसद में परकटी महिलायें आ जाएँगी।

    राहुल गाँधी के अलावा ओड़िसा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने भी सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिख कर इस बिल के लिए समर्थन माँगा है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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