Thu. Apr 25th, 2024

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के 250वें सत्र के अपने संबोधन में सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) की तारीफ की, जिससे राज्य में राजनीतिक गतिरोध के बीच कयासों को नई हवा मिल गई है। प्रधानमंत्री ने राकांपा और बीजू जनता दल(बीजद) के सदस्यों के सदन के मध्य न जाने को लेकर प्रशंसा की। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राकांपा किंगमेकर बनकर उभरी है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने ऊपरी सदन की प्रशंसा करते हुए सदन की महत्ता पर जोर दिया। अनुच्छेद 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक विधेयक के बारे में चर्चा करते हुए मोदी ने रेखांकित किया कि कैसे यह सदन ‘ऐतिहासिक’ है।

    राज्यसभा की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने कहा कि सदन की परिपक्वता ने यह सुनिश्चित किया है कि विरोध के बावजूद तीन तलाक और जीएसटी पर विधेयक पारित हो सके।

    अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की चर्चा करते हुए, मोदी ने कहा, “जब भी राष्ट्र की बात आती है, राज्यसभा इस अवसर पर उठ खड़ा होता है और मजबूत योगदान दर्ज कराता है।”

    उन्होंने कहा, “जब अनुच्छेद 370 और 35(ए) से संबंधित विधेयक को पारित करवाने की बात आती है, तो हम राज्यसभा की भूमिका को कभी नहीं भूल सकते हैं।”

    विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “ऐसा माना जा रहा था कि तीन तलाक पर विधेयक यहां पारित नहीं हो सकेगा, लेकिन यह पारित हो गया। भाजपा-नीत राजग के पास ऊपरी सदन में संख्या का अभाव था, फिर भी सदन इसे पारित करवाने में सफल रहा।”

    प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा को ‘समर्थन देने वाला सदन’ बताया और केंद्र-राज्य के सहकारी संबंध के बारे में कहा, “हमारा संविधान कल्याणकारी राज्य के लिए काम करने को हमें प्रेरित करता है। यह हमें राज्यों के कल्याण के लिए काम करने को भी प्रेरित करता है। राज्यों का परिषद होने के नाते राज्यसभा सहकारी संघवाद की भावना को बढ़ाता है।”

    लेकिन एक बयान, जिसे संभवत: राजनीतिक चश्मे से देखा जाएगा, प्रधानमंत्री ने राकांपा और बीजद की संसद के वेल से दूर रहने के लिए तारीफ की।

    उन्होंने कहा, “आज मैं दो पार्टियों की प्रशंसा करना चाहता हूं, राकांपा और बीजद। इन पार्टियों ने शानदार तरीके से संसदीय नियमों का पालन किया है। वे कभी भी वेल में नहीं आए। उन्होंने अपने मुद्दे को काफी प्रभावी तरीके से रखा। इससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।”

    इस बयान की इसलिए महत्ता है, क्योंकि भाजपा, महाराष्ट्र में 105 सीटें होने के बावजूद सरकार नहीं बना सकती और राकांपा वहां किंगमेकर बनकर उभरी है।

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