Fri. Mar 29th, 2024
    डोकलाम विवाद

    केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उम्मीद जताई थी कि डोकलाम विवाद पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए चीन कोई सकारात्मक कदम उठाएगा। चीन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत को बिना शर्त डोकलाम से सेना वापस बुलानी होगी, तभी उसकी तरफ से इस मामले में कोई सकारात्मक पहल संभव है। चीन ने भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को धता बताते हुए कहा कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से सीमा पार की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ छुनयिंग ने कहा, “भारत ने डोकलाम में चीनी सड़क निर्माण गतिविधियों को रोकने के लिए हास्यास्पद तर्क दिए हैं। इसलिए इस समस्या को दूर करने के लिए बस एक पूर्व शर्त है कि भारत अपने सैनिक और साजो-सामान बिना शर्त डोकलाम से हटाए।”

    सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि डोकलाम में जारी गतिरोध का जल्द ही कोई हल निकलेगा। भारत एक शांतिप्रिय देश है। भारत ने ना कभी किसी देश पर हमला किया है और ना ही उसकी नीति विस्तारवादी रही है। उन्होंने इस बात की उम्मीद जाहिर की थी कि चीन जल्द ही इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक पहल करेगा और शांतिपूर्ण तरीके से इसका स्थायी हल ढूंढेगा।

    यह पहला मौका नहीं है जब चीन इस तरह धमकी भरे लहजे का इस्तेमाल कर रहा है। चीन शुरुआत से ही डोकलाम विवाद पर आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करता रहा है। कभी चीनी राष्ट्रपति तो कभी चीनी मीडिया, हर कोई भारत पर डोकलाम में घुसने के आरोप लगाते रहे है। पहले भी भारत पर आरोप लगाते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि भारत को यह बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिए कि उसके देर करने की वजह से डोकलाम विवाद का हल नहीं निकलेगा। चीनी रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता ने धमकी भरे लहजे में कहा कि चीन से उसकी जमीन का एक टुकड़ा भी कोई देश नहीं छीन सकता। चीनी सेना अपने देश के भूभाग और सम्प्रभुता की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।

    सिक्किम के पास स्थित डोकलाम में पिछले 50 दिनों से विवादित ट्राई जंक्शन क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। भारत इस मसले का हल बातचीत से निकालना चाहता है जबकि चीन इस तनावपूर्ण स्थिति में लगातार धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। भारत स्थित चीनी दूतावास ने 15 पेज का बयान जारी कर डोकलाम में भारत की मौजूदगी को गलत ठहराया था। बयान में भारतीय सेना की डोकलाम से ‘बिना शर्त’ और ‘तत्काल’ वापसी की बात कही गई थी। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इससे पहले अपने बयानों में धमकी भरा अंदाज अपना चुके हैं। जी-20 देशों के सम्मेलन में चीन ने भारत के खिलाफ झूठे सबूत पेश कर डोकलाम में भारत की मौजूदगी को कमजोर साबित करने की कोशिश की थी।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।