Sat. Apr 20th, 2024
    यूपीकोका कानून का अखिलेश समेत मायावती ने किया विरोध

    यूपी में अपराधों और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार यूपीकोका कानून लाने जा रही है। पार्टी का यह दावा है कि इस कानून के आने के बाद प्रदेश में कानून वयवस्था को और प्रभावी तरीके से चलाया जा सकेगा तथा यह कानून राज्य में अपराधों को कम करने में सहायक साबित होगा।

    हालंकि इस बिल पर गहरा वाद विवाद गरमा गया है। विपक्ष भी इस बिल का विरोध करने से पीछे नहीं हट रही है। इन सबके बावजूद योगी आदित्यनाथ इस बिल को लेकर अपने फैसले पर अटल नजर आ रहे है। तमाम विवादों और विरोधों के बीच उन्होंने कल विधानसभा में यूपीकोका (उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट) बिल को पेश कर दिया है।

    इस बिल के पेश होते ही विधानसभा में राजनीति गरमा गयी। मायवती समेत कई राजनेताओं ने इस बिल का भारी विरोध करते हुए प्रदेश के लिए इसे गैर जरूरी बताया। मायावती ने तो यहां तक कह दिया कि यह बिल दलितों, पिछड़ों, और गरीबों के लिए अभिशाप है। उन्होंने योगी पर आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार साम्रदायिक फैसले ले रही है तथा धर्म और जाति के आधार पर कानूनों का गलत इस्तेमाल कर रही है।

    इस कानून पर अखिलेश यादव ने भी अपनी असहमति जताई है उन्होंने एक ट्वीट के जरिए इस कानून पर चुटकी लेते हुए कहा है कि “नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका!”

    अपने एक और ट्वीट में अखिलेश ने कहा कि “यूपीकोका नहीं ये धोखा है। फर्नीचर साफ करने के पाउडर को PETN विस्फोटक बताने वाले जनता को बहकाने में माहिर हैं। 9 महीनों में बीजेपी ने जन सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए न सिर्फ समाजवादी ‘यूपी100’ और महिला सुरक्षा की ‘1090हेल्पलाइन’ को ,बल्कि समाजवादी विकास पथ पर बढ़ते प्रदेश को रोका है”

    यूपीकोका के तहत यह अपराध शामिल है

    1. सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

    2. विस्फोटक या आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग

    3. आतंक फैलाना व सरकार की संपत्ति को नष्ट करना

    4. सरकारी अधिकारी को जान से मारने या बर्बाद करने की धमकी देना

    5. फिरौती मांगना 

    6. सरकारी ठेका को हथियाने के लिए शक्ति का प्रदर्शन करना 

    7. निजी या सरकारी जमीन पर कब्जा करना 

    8. बाजार या व्यापारियों से अवैध वसूली करना 

    9. अवैध खनन, वन उपज का अवैध दोहन

    10. मनी लॉन्ड्रिंग, मानव व्यापार, नकली दवा या अवैध शराब बेचना 

    मिल सकती है इस तरह की सजा

    1. इनमे से किसी अपराधों के कारण किसी की मोत होने पर आरोपी को फांसी या उम्रकैद की सजा मिल सकती है
    2. संगठित अपराध की संपत्ति रखने वालो को ३ साल की कारावास हो सकती है
    3. संगठित अपराधियों को शरण देने पर उम्रकैद से 7 साल तक की सजा और 15 लाख जुर्माने का प्रावधान है