Sat. Apr 20th, 2024
    ईरान

    यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के कूटनीति प्रमुखों ने मंगलवार को बताया कि वह बेहद चिंतित है और ईरान से यूरेनियम संवर्द्धन की मात्रा अधिक करने के अपने निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया है। साल 2015 के समझौते के तहत यूरेनियम के उत्पादन की मात्रा सीमित थी।

    ईरान का निर्णय अफसोसजनक

    संयुक्त बयान में कहा कि “हम ईरान से इस कदम को वापस लेने का आग्रह करते हैं और अन्य कार्रवाई से पीछे हटने का अनुरोध करते हैं को परमाणु संधि की अवहेलना करे।” इस संयुक्त बयान पर ईयू के कूटनीतिक प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी और अन्य तीन देशों के विदेश मंत्रियों ने हस्ताक्षर किये थे। इसमें फ्रांस के जीन यवेस ले ड्रिअन, जर्मनी के हैको मॉस और ब्रिटेन के जेरेमी हंट थे।

    तेहरान ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह परमाणु संधि का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम के उत्पादन को बढ़ाएंगे।अमेरिका ने बीते वर्ष परमाणु संधि को तोड़ दिया था और ईरान के तेल निर्यात और वित्तीय ट्रांसक्शन पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा था।

    इस संधि को बचाने के लिए ईरान अन्य पक्षों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है और उन्होंने 8 मई को ऐलान किया कि वह अधिक समय तक इस संधि का सम्मान नहीं कर पाएंगे और तय मात्रा से अधिक संवर्धन यूरेनियम और भारी जल का उत्पादन करेंगे।

    ईरान ने संधि की आंशिक प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने की धमकी भी दी थी ताकि संधि के शेष साझेदार ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रूस प्रतिबंधों से निजात दिलाने में मदद करे।

    संयुक्त बयान में मंगलवार को कहा कि “हम अपनी परमाणु संधि की प्रतिबद्धताओं पर सांगत और स्पष्ट रहे हैं जो पूरी ईरान के अनुपालन पर आधारित है। हम ईरान के निर्णय से नाखुश है। समूह शर्तों के तहत तत्काल अगले कदम पर विचार कर रहा है। ईरान ने वादा किया था कि वह कभी परमाणु बम नहीं बनाएगा और इसके बदले ईरान को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिआबंधों से आज़ादी दी गयी थी।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *