Thu. Apr 25th, 2024
हसन रूहानी

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने क्षेत्र से विदेश सेनाओं को दूर रहने की चेतावनी दी है और कहा कि वह इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा महासभा के सत्र में खाड़ी के लिए एक सुरक्षा योजना को प्रस्तुत करेंगे। रविवार को साल 1980 में  ईरान-इराक जंग की शुरुआत की वर्षगाँठ के दौरान यह बयान दिया था।

ईरान ने खाड़ी मुल्को की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ

रूहानी ने एक टीवी स्पीच में कहा कि “रूहानी ने इस क्षेत्र के देशो के तरफ दोस्ती और भाईचारे का हाथ बढाया है जो खाड़ी में विदेशो से सुरक्षा और होर्मुज के जलमार्ग की रक्षा में तेहरान के प्रयासों का सहयोग करने की मांग की है।” होर्मुज़ वैश्विक तेल उद्योग का एक महत्वपूर्ण द्वार है।

यूएन में वैश्विक नेताओं के साथ सालाना मुलाकात के लिए हसन रूहानी इस सप्ताह के अंत में न्यूयोर्क की यात्रा करेंगे। साथ ही खाड़ी में मौजूद विदेशी सैनिको की मौजूदगी के खिलाफ चेतावनी देंगे। उन्होंने कहा कि “विदेश सेना इस क्षेत्र  और हमारे लोगो के लिए समस्याएं और असुरक्षा उत्पन्न करेंगी।”

अमेरिका ने हाल ही में सऊदी अरब और यूएई में सैनिको की तैनाती को मंज़ूरी दी थी। सऊदी की तेल कंपनियों पर हमले से खादी में तनाव काफी बढ़ गया है। इस हमले की जिम्मेदारी यमन के हौथी विद्रोहियों ने ली है जबकि अमेरिका और सऊदी ने इसके लिए ईरान को कसूरवार ठहराया है। इस वारदात से कुल उत्पादन में रोजाना 57 लाख बैरल को कम कर दिया गया है।

अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने 15 सितम्बर को कहा था कि “सऊदी की तेल कंपनियों पर ईरान ने ही हमला किया है।” हालाँकि ईरानी राष्ट्रपति ने इस हमले के आरोप को खारिज कर दिया था।

जावेद जरीफ ने ट्वीट कर कहा कि “अधिकतम दबाव की नीति में नाकाम होकर, सचिव पोम्पियो ने इसे अधिकतम छल में परिवर्तित कर दिया है। अमेरिकी सहयोगी यमन की जंग में इस कल्पना के कारण फंसे हुए हैं कि हथियार सर्वोच्चता से सैन्य जीत हासिल की जा सकती है। ईरान पर आरोप लगाकर इस आपदा से नहीं बचा जा सकता है।”

 

 

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *