Wed. Apr 24th, 2024
    यरूशलम भारत अमेरिका

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को यरूशलम मामले में संयुक्त राष्ट्र महासभा से करारा झटका मिला है। महासभा में यरूशलम को इजरायल की राजधानी नहीं मानने वाले प्रस्ताव के लिए मतदान किया गया। इस प्रस्ताव के समर्थन में भारत समेत कुल 128 देशों ने मतदान किया और इस प्रस्ताव के खिलाफ में कुल 9 वोट पड़े। 35 देशों ने मतदान की प्रक्रिया से खुद को अलग रखा।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी 14 देशों ने इस प्रस्ताव को समर्थन दिया था। लेकिन उस समय अकेले पड़े अमेरिका ने अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर लिया था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में वीटो पावर नहीं है। ऐसे में अमेरिका को यरूशलम मुद्दे पर करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

    अमेरिका ने एक दिन पहले धमकी दी थी कि अगर किसी भी देश ने अमेरिका के खिलाफ मतदान किया तो उसे आर्थिक सहायता रोक दी जाएगी ।

    भारत ने भी यरूशलम मामले पर अमेरिका के खिलाफ मतदान किया है। कुल 128 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन करके इस बात की पुष्टि की है कि यरूशलम की अंतिम स्थिति का फैसला इजरायल और फिलीस्तीनियों के बीच सीधी वार्ता में ही किया जाना चाहिए।

    भाजपा सांसद ने अमेरिका के खिलाफ वोट देने का किया विरोध

    बीजेपी सासंद सुब्रह्म्ण्यम् स्वामी ने भारत द्वारा अमेरिका के फैसल के खिलाफ वोट करने की निंदा की है। स्वामी ने एक बार फिर पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर भारत के इस कदम को गलती भरा बताया है।

    बीजेपी सांसद ने कहा कि यरूशलम मुद्दे पर अमेरिका के खिलाफ मतदान करके भारत ने एक बड़ी गलती की है। बीजेपी सासंद सुब्रह्म्ण्यम्  स्वामी ने इस बारे में ट्विटर पर पोस्ट किया है जिसका बड़ी संख्या में लोग समर्थन भी कर रहे है।

    गौरतलब है कि सासंद सुब्रह्म्ण्यम्  स्वामी लंबे समय से इजरायल के समर्थक रहे है। भारत ने अपने राष्ट्रीय हित के खिलाफ मतदान किया है क्योंकि फिलीस्तीन ने कभी भी कश्मीर विवाद पर भारत का समर्थन नहीं किया है।

    जबकि इजरायल ने हमेशा से ही कश्मीर विवाद पर भारत का समर्थन किया है। फिलीस्तीन कभी भी हमारा नहीं हुआ है। ऐसा कहकर स्वामी ने यरूशलम मामले पर भारत के इस कदम का विरोध किया है। इससे पहले स्वामी ने ट्रम्प के फैसले का स्वागत किया था। स्वामी ने भारत को चेताया है कि इस कदम से भविष्य में नुकसान उठाने पड़ सकते है।