Fri. Apr 19th, 2024
    भारत भूटान चीन नेपाल डोकलाम

    भारत व चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के बाद अब भारत सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को भारत-भूटान सीमा पर मजबूत करने में लगा हुआ है। सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक रजनी कांत मिश्रा ने बुधवार को कहा कि सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में चीन के साथ 74 दिन की सैन्य गतिरोध के बाद अब सीमा सशस्त्र बल ने भारत और भूटान सीमा पर अपनी ताकत बढ़ा दी है।

    मिश्रा ने कहा कि डोकलाम विवाद भारत-चीन सीमा पर है जिस पर वो प्रत्यक्ष तरीके से कोई भूमिका नहीं निभा सकते है। लेकिन त्रि-जंक्शन क्षेत्र के नीचे हम अपनी ताकत में इजाफा करने में लगे हुए है ताकि चीन पर यहीं से नजर रखी जा सके।

    भारत-भूटान-तिब्बत सीमा के पास एसएसबी पूरी तरह से सतर्क है। साथ ही आने वाले हफ्तों और महीनों में हमारी ताकत अधिक बढ़ जाएगी। इस क्षेत्र में एसएसबी की कई चौकियों को स्थापित किया गया है।

    सीमा सशस्त्र बल के महानिदेशक रजनी कांत मिश्रा ने कहा कि नेपाल व भूटान की सीमाओं के पास हमे कुल 734 सीमा चौकी को स्थापित करने की अनुमति मिली हुई है।

    लेकिन वर्तमान में हमारी 635 सीमा चौकी ही इन सीमाओं में स्थित है। इसलिए आने वाले समय में अधिक एसएसबी सीमा चौकी को बढ़ाया जाएगा ताकि इन सीमाओं पर अधिक निगरानी रखी जा सके।

    नेपाल व भूटान सीमा पर लगेंगे लेजर बाड़

    वहीं एसएसबी के इंस्पेक्टर जनरल एके सिंह ने कहा कि भारत से लगती नेपाल व भूटान सीमा पर उन क्षेत्रों में लेजर बाड़ लगाया जाएगा जहां से तस्करी व आतंकवादी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलती है।

    गौरतलब है कि डोकलाम विवाद को खत्म हुए 70 से अधिक दिन हो गए लेकिन चीनी सैनिकों की उपस्थिति वहां पर फिर से होने लगी है। इसी क्रम में अब भारत का सीमा सशस्त्र बल भी अपनी तैनाती को अधिक कर रहा है। महानिदेशक ने कहा कि एसएसबी सीमा पर चल रही सभी प्रकार की गतिविधियों की जानकारी रख रही है।

    गौरतलब है कि चीनी सैनिकों की सर्दियों में डोकलाम क्षेत्र के पास उपस्थिति अधिक बढ़ गई है। कुछ दिनों पहले ही ड्रोन को लेकर भी दोनों देशों के बीच में तनातनी देखी गई थी। इसलिए भारत, चीन से लगती सीमा व भूटान-नेपाल में अपनी चौकसी को अधिक मजबूत कर रहा है।