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    केरल बाढ़

    भारत पर प्राकृतिक आपदाओं ने जमकर कहर बरपाया है जिसकी पुष्टि यूएन की रिपोर्ट करती है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो दशकों में भारत को प्राकृतिक आपदा के कारण 6 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है।

    यूएन ऑफिस ऑफ़ डिजास्टर रिस्क प्रोडक्शन के मुताबिक जलवायु परिवर्तन निरंतर आवृति दर बढ़ा रहा है जिसके कारण भारत जैसे देशों में सुनामी, बाढ़ और तूफ़ान के आगमन की खबरे आती रहती है।

    प्राकृतिक आपदा से नुकसान झेलने वाले पांच देशों में भारत भी शुमार है। पिछले दो दशकों में इस नुकसान के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 3 ट्रिलियन डॉलर का झटका लगा है। 20 वर्षों में आपदा की वजह से नुकसान में 120 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    यूएनआईएसडीआर ने कहा कि मध्यम वर्गीय और निम्न वर्गीय देशों को प्राकृतिक आपदा की मार के कारण अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यह विकासशील देशों के भविष्य के लिए खतरा है और इस कारण यूएन के 17 विकास लक्ष्यों को भेदने में अड़चने आएँगी।

    यूएनआईएसडीआर के मुताबिक साल 1998-2017 के मध्य जलवायु परिवर्तन की वजह से 6600 से अधिक आपदाएं आई हैं। इस आपदा में 13 लाख लोगों की मौत हुई है और 44 लाख लोग जख्मी व बेघर हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप और सुनामी ने अधिकतर लोगों को प्रभावित किया है।

    भारत के केरल राज्य में बाढ़ के कारण हज़ारों लोग बेघर हो गए थे। केरल में अनुमानित 20000 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया था हालांकि केंद्र ने 500 करोड़ और गृह मंत्रालय ने 100 करोड़ की मदद का ऐलान किया था।

    हाल ही में इंडोनेशिया में बाढ़ और सुनामी ने तबाही मचाई थी। इस आपदा में 500 से अधिक लोगों ने जान गंवाई थी। राष्ट्रपति की मदद की गुहार के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने राहत सामग्री और सहायता राशि देने का ऐलान किया था।

    अमेरिका क फ्लोरिडा प्रान्त में माइकल नामक तूफ़ान के तबाही मचाने की आशंका है। इससे पूर्व कैटरीना तूफान ने अमेरिका पर कहर बरपाया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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