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    भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान पर भारत की स्थिति में कोई परिवर्तन नही है और भारत अफगानिस्तान में समावेशी शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमने अमेरिका के समक्ष स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान में शांति और सुलह अफगानी नेतृत्व, अफगानी नियंत्रित और अफगानी आश्रित होनी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि वह डोनाल्ड ट्रम्प के विशेष राजदूत जलमय ख़लीलज़ाद की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव विजय गोखले के साथ बैठक के दौरान मौजूद थे।

    रवीश कुमार ने कहा कि अफगानिस्तान पर हमारी स्थिति स्पष्ट और तर्कयुक्त है। हमने पूर्व में भी यही कहा था और भविष्य में इसी बात को आगे बढ़ाएंगे, ताकि अफगानिस्तान में शांति और सुलह के प्रयासों को भारत का समर्थन मिलता रहे।

    उन्होंने कहा कि हम लक्ष्य को हासिल करने वाले प्रयास का समर्थन करते हैं और अभी हमारी स्थिति में कोई परिवर्तन नही है।

    उन्होंने कहा कि बैठक में दोनो देशों ने अफगानिस्तान में शांति और सुलह पर अपने विचार साझा किए थे। उन्होंने कहा कि ख़लीलज़ाद ने विदेश मंत्री और विदेश सचिव को अफगानिस्तान में शांति और सुलह के बाबत अमेरिका के विचार बताए थे।

    आर्मी के प्रमुख जनरल विपिन रावत ने गुरुवार को सालाना प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि “कई देश तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या हमारा अफगानिस्तान में हित है, यदि उत्तर हां है तो हैम बंदवेगों के बाहर नही रह सकते हैं।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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