Fri. Mar 29th, 2024
    बौना ग्रह dwarf planet in hindi

    विषय-सूचि

    बौने ग्रह क्या है (what are dwarf planets in hindi)

    बौने ग्रह वे पिंड हैं जिनको पूरी तरह से ग्रह की श्रेणी में आने के लिए बहुत छोटे हैं, लेकिन उनको दूसरे छोटे पिंडों की श्रेणी में भी नहीं डाला जा सकता।

    अभी पिछले कई सालों से इस बात पर काफी जोरों शोरों से चर्चा हुई कि कैसे प्लूटो ग्रह ने सौर मंडल के एक ग्रह के रूप में अपना स्थान खो दिया।

    प्लूटो को अब सौर मंडल का नौवां ग्रह नहीं माना जाता, वह अब ड्वार्फ ग्रहों की श्रेणी में आता है। खगोल वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि सौर मंडल और कुइपर बेल्ट भाग में लगभग 200 ड्वार्फ ग्रह  मौजूद हैं।

    साल 2015 में जब न्यू होराइजन मिशन प्लूटो के पास से गुजरा, तो उसके द्वारा भेजे गए भौगोलिक सूचनाओं के आधार पर उसपर शोध शुरू हुआ। इस मिशन के विशेषक यह कोशिश कर रहे हैं कि प्लूटो को ग्रह होने का दर्जा दोबारा से मिल जाये।

    सौर मंडल के प्रमुख बौने ग्रह (Some Dwarf Planets of Solar System in Hindi)

    इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट (IAU) के हिसाब से ग्रह वह हैं जो:

    • सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में परिक्रमा करते हैं।
    • इनके पास इतना गुरुत्वाकर्षण बल है कि वे अपने भार को खींचकर गोल आकार ले सके।
    • अपने कक्षा में से दूसरे छोटे पिंडों को हटा कर रखने की क्षमता रखता है।

    जो तीसरा तथ्य है उसके आधार पर ड्वार्फ ग्रह और एक ग्रह के बीच का अंतर निश्चित होता है। एक ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण दूसरे छोटे बड़े पिंड या तो उसकी कक्षा या परिक्रमा पथ में आ जाते हैं या दूर चले जाते हैं। ड्वार्फ ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल यह करने में सक्षम नहीं होता, अतः उसे ग्रह के श्रेणी में नहीं रख सकते।

    2014 से लेकर अब तक IAU ने पांच ड्वार्फ ग्रहों को पहचान लिया है, जोकि इस प्रकार हैं – सिरस, प्लूटो, आईरिस, मेकमेक एवं Haumea। कुछ अन्य पिंड हैं जिनके बारे में बोला जा रहा हैं कि वह ड्वार्फ ग्रह हो सकते हैं, जैसे Sednna और Quaoar। प्लूटो की कक्षा से काफी दूर 2012 VP113 नामक पिंड हैं जो सूर्य की परिक्रमा करने वाले पिंडों में सबसे दूर हैं, फिर DeeDee नामक पिंड विराजमान है – ये सभी पिंडों के बारे में अध्ययन जारी है कि वह ड्वार्फ ग्रह हैं या नहीं। नासा अभी ऐसे 100 से अधिक पिंडों पर अध्ययन कर रही है जो ड्वार्फ ग्रह हो सकते हैं।

    सिरस (Ceres)

    सिरस सबसे पहले खोजै जाने वाला एवं इन पांच ड्वार्फ ग्रहों में से सबसे छोटा है। सिलिकन खगोल वैज्ञानिक गुइसेप्पी Piazze ने साल 1801 में इसकी खोज की थी। उस समय यह माना जाता था कि मंगल और बृहस्पति के बीच एक लापता ग्रह मौजूद हो सकता है, इसी आधार पर इन ड्वार्फ ग्रहों, कुइपर बेल्ट के पिंड आदि की खोज सफल हुई।

    सिरस का व्यास 950 किमी है और यह पृथ्वी के भार के 0.015 भाग के बराबर है। सिरस इतना छोटा है कि इसे ड्वार्फ ग्रह एवं क्षुदग्रह दोनों माना जाता है। यहां तक की सबसे बड़े क्षुदग्रह के रूप में सिरस का नाम दर्ज है। यह क्षुदग्रह बेल्ट के एक चौथाई भार के बराबर है और प्लूटो से भार में 16 गुना ज्यादा कम है। बाकि क्षुदग्रहों का आकार टेढ़ा मेढ़ा रहता है, लेकिन सिरस पूरा गोल है।

    वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि इसके क्रस्ट भाग के नीचे बर्फीला पानी हो सकता है। साल 2014 में युरोपियन स्पेस एजेंसी के हेरस्केल स्पेस ऑब्जर्वेटरी मिशन ने सिरस के सतह के दो भागों में पानी का भाप निकलते हुए पाया था।

    नासा का रोबोटिक मिशन डॉन सिरस पर 2015 में उतरा था। इससे पता चला कि सिरस के सतह पर बहुत सारे चमचमाते हुए धब्बे हैं, यहाँ 6.5 किमी लम्बा पहाड़ भी मिला।

    प्लूटो

    प्लूटो सबसे प्रमुख ड्वार्फ ग्रह है। जब 1930 में इसकी खोज हुई, तबसे लेकर 2006 तक इसको सौर मंडल का नौवां ग्रह माना गया।

    प्लूटो का परिक्रमा पथ इतना उबर खाबड़ है कि कई बार यह आठवें ग्रह नेप्चून के बजाय खुद सूर्य से नजदीक होता है।

    2006 में जब बहुत से पथरीले पिंडों की खोज हुई जिनका आकार प्लूटो से भी बड़ा था, इसके बाद IAU ने प्लूटो को ड्वार्फ ग्रहों के श्रेणी में डाल दिया।

    यह पृथ्वी के भार के 0.02 प्रतिशत के बराबर है, एवं पृथ्वी के चन्द्रमा के दस प्रतिशत के बराबर है।

    इसका गुरुत्वाकर्षण बल इतना मजबूत है कि इसके पांच चन्द्रमाएँ इसके चक्कर लगते हैं। प्लूटो के सबसे बड़े चन्द्रमा का नाम Charon है।

    नासा का न्यू होराइज़न मिशन साल 2015 में जब प्लूटो के पास से गुजरा तो पाया गया कि प्लूटो के सतह पर बहुत सारे गड्ढे बने हुए हैं। इन गड्ढों को देखकर ऐसा माना गया कि यह गड्ढे अभी अभी बने होंगे। इसके अलावा 3500 लम्बे पहाड़ भी पाए गए।

    Eris

    जब इसे पहली बार खोजा गया था, तब इसको सबसे बड़ा ड्वार्फ ग्रह माना गया। लेकिन प्लूटो इससे बड़ा है। इसका व्यास 2300 से 2400 किमी है।

    इसका परिक्रमा पथ काफी टेढ़ा है। यह परिक्रमा करते वक्त प्लूटो कि कक्षा को लांघते हुए नेप्चून की कक्षा तक पहुँच जाता है।

    इसका परिक्रमा पथ प्लूटो के मुकाबले तीन गुना ज्यादा बड़ा है। इसके सतह पर नाइट्रोजन एवं मीथेन गैस बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

    Haumea एवं Makemake

    इन दोनों ड्वार्फ ग्रहों की खोज अभी अभी हुई हैं। Haumea ellipsoid आकार का हैं एवं इसका भार प्लूटो के एक तिहाई के बराबर है।

    यह हर चार घंटे में चक्कर लगाता है। दिखने में यह हलके लाल मिश्रित सफ़ेद रंग का है एवं इसके सतह पर गैस मिश्रित क्रिस्टल काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद हैं। इसका एक चन्द्रमा भी है।

    मेकमेक की खोज 2006 में हुई थी एवं साल 2016 में इसका एक चन्द्रमा खोजा गया। इसका व्यास प्लूटो के व्यास का दो तिहाई है। इसके सतह और अन्य चीजों के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं मिली है।

    Plutoid

    प्लूटो, Haumea, मेकमेक एवं Eris को प्लुटोइड भी माना जाता है, जबकि सिरस को प्लनेटोइड माना जाता है। प्लुटोइड वह ड्वार्फ ग्रह हैं जिनका परिक्रमा पथ नेप्चून के परिक्रमा पथ के बाहर है।

    प्लुटोइड को कभी कभी बर्फीला ड्वार्फ भी बोला जाता है क्योंकि वे काफी छोटे हैं एवं उनका सतह काफी ज्यादा ठंडा है।

    आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *