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    बुलेट ट्रेन किसान प्रदर्शन

    मुंबई-अहमदाबाद के बीच बनने जा रही बुलेट ट्रेन में भूमि अधिग्रहण के चलते हो रहे प्रदर्शन से अपने कर्मचारियों बचाने के लिए NHSRCL (नेशनल हाइ स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड) ने आरपीएफ़ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) की मदद माँगी है।

    मीडिया सूत्रों के अनुसार बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में काफी स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन करना आरंभ कर दिया है।

    NHSRCL ने बताया है कि इस प्रदर्शन में स्थानीय लोगों के साथ कुछ राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार इसमें किसी भी तरह की कोई मदद नहीं कर रही है।

    गौरतलब है कि मुंबई-अहमदाबाद रेल परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण का काम इसी वर्ष शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक इस प्रोजेक्ट के लिए महज 1 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण हो पाया है, जबकि इस परियोजना के लिए करीब 14 सौ हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है।

    इस विरोध प्रदर्शन में सबसे बड़ी खबर महाराष्ट्र के पालघर से आई है। जहां प्रदर्शनकारियों ने बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध करते हुए NHSRCL के काम को भी बंद करवा दिया है।

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    NHSRCL पालघर में जमीन का सर्वे करने गयी थी, जहां स्थानीय लोगों ने टीम के अधिकारियों को काम करने से माना कर दिया है। इसके तहत कुछ स्थानीय लोगों ने सर्वे करने गयी टीम को धमकाने के साथ ही हाथापाई भी की है। इसी के चलते NHRCL ने आरपीएफ़ से मदद माँगी।

    मालूम हो कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना 348.04 किलोमीटर लंबी है। इसके तहत रास्ते में पड़ने वाले करीब 73 गाँवों में भूमि अधिग्रहण करना है।

    ऐसे में NHSRCL इन स्थानीय लोगों को भूमि अधिग्रहण के एवज़ में स्वास्थ व स्वच्छ जल की सुविधा उपलब्ध करवा रहा है।

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