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    उपेंद्र कुशवाहा

    राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाह ने शुक्रवार को कहा कि 2020 बिहार विधानसभा चुनावों के बाद कोई भी बिहार के मुख्यमंत्री बन सकता है।

    कुशवाह ने 28 नवंबर से पार्टी के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए पटना में आरएलएसपी कार्यालय में पत्रकारों से कहा ‘एक लोकतंत्र में यहां तक ​​कि एक आम आदमी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकता है। यही लोकतंत्र की सुंदरता है।’

    कुशवाह ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाली जनता दल (यूनाइटेड) के साथ नहीं।

    आरएलएसपी, जेडी (यू) और बीजेपी लोजपा के साथ एनडीए में भागीदार हैं। कुशवाह ने 31 अक्टूबर को सनसनी मचा दी थी ये कहकर कि नीतीश कुमार ने उनसे कहा था कि वह (कुमार) 2020 से आगे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं रहना चाहते थे। हालांकि, जेडी (यू) ने तुरंत इस बात का खंडन कर दिया और कहा, ‘मुख्यमंत्री की अध्यक्षता कोई रसगुल्ला नहीं है और यह लोगों की पसंद से तय किया जाता है।’

    नीतीश ने कुश्वाहा के दावे पर पटना में संवाददाताओं से एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा था कि ‘बहस के स्तर को इतना कम करने की अनुमति न दें।’

    कुशवाह ने इसे व्यक्तिगत अपमान के रूप में लिया और कुमार पर वापस पलटवार किया और कहा कि उन्हें नीतीश की टिप्पणी से उन्हें चोट लगी है।

    कुशवाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें नीतीश के बयान से चोट पहुंची है। कुशवाहा ने कहा कि 28 नवम्बर को हम ज्योतिराव फुले की मौत की सालगिरह को उच्च और निम्न मानसिकता दिवस के खिलाफ के रूप में देखेंगे क्योंकि महान क्रांतिकारी ने समाज में ‘उच्च और निम्न’ की मानसिकता को खत्म करने के लिए संघर्ष किया था।

    आरएलएसपी प्रमुख ने कहा कि बिहार में एनडीए में सीटों का बंटवारा सभी सहयोगियों के परामर्श के बाद ही आधिकारिक तौर पर घोषित किया जाएगा।

    कुशवाहा ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि ‘मैं जेडी (यू) की तरह नहीं हूं जो सुविधा के अनुसार आता है और जाता है। नरेंद्र मोदी को आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने से पहले मैंने बीजेपी के साथ गठजोड़ किया था। बीजेपी सभी पहलुओं को देखने के बाद घोषणा करेगी।’

    बीजेपी और जेडी (यू) के बीच 50-50 सौदे पर कुशवाह ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि इसका मतलब 15-15 हो सकता है।  आरएलएसपी के लिए पांच और राम विलास पासवान की अगुआई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के लिए 5.

    आरएलएसपी प्रमुख ने कहा कि मैं भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे पर स्वस्थ वार्ता की उम्मीद कर रहा हूं।’ उन्होंने महागठबंधन की तरफ आरएलएसपी के जाने की संभावना से इंकार कर दिया।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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